उत्तर प्रदेश के मेरठ में ट्रांसपोर्ट कारोबारी के बेटे के अपहरण का मामला फर्जी निकला। यह सनसनीखेज खुलासा खुद मेरठ पुलिस ने किया है।
साथ ही पुलिस ने महज 18 घंटे के भीतर अपहरण कांड की गुत्थी को सुलझा डाला और बच्चे को दिल्ली से सकुशल बरामद कर लिया। आइए आपको बताते हैं क्या थी मेरठ के इस कथित अपहरण कांड की असल वजह। दरअसल, मेरठ के थाना नौचंदी क्षेत्र के सेक्टर 12 से ट्रांसपोर्ट कारोबारी ऑफिस के बेटे आरिफ के अपहरण की सूचना सोमवार को पुलिस को मिली। इसके बाद हड़कंप मच गया।
दिनदहाड़े नौवीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे के अपहरण से पुलिस के भी हाथ पैर फूल गए। मेरठ पुलिस ने इस मामले में कई टीमें लगाई, फिर बाद में एसटीएफ को भी लगाया गया, लेकिन 18 घंटे बीतने के बावजूद पुलिस के हाथ खाली नजर आए। पुलिस के लिए अपहरण कांड का खुलासा एक बड़ी चुनौती बन गया। हालांकि, एसटीएफ की टीम ने जब दिल्ली से आरिफ को बरामद कर लिया तो पुलिस की सांस में सांस आई।
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मेरठ के एसएसपी अजय साहनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि आरिफ अपने सौतेले मां-बाप से परेशान था। इसी कारण जब माता पिता अपने गांव गए हुए थे तभी उसने घर से गायब होने की योजना बनाई और घर में रखे 9.5 लाख कैश लेकर फरार हो गया। उसकी फरारी पर किसी को शक ना हो इसलिए अपहरण का नाटक रचा। पुलिस ने पूछताछ के दौरान बच्चे ने बताया कि उसकी प्लैनिंग अपनी दोनों बहनों को भी इस घर से बाहर निकालने की थी।
मेरठ में अपने घर से निकलने के बाद वह ओला और उबर बदलता हुआ दिल्ली पहुंचा जहां उसकी नानी का घर था। हालांकि उसके पहले ही पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला। पुलिस अधिकारियों की मानें तो बच्चा परेशान था। इसीलिए वह घर से गायब हुआ था और अपरहण का नाटक रचा। फिलहाल पुलिस इस मामले में चाइल्ड वेलफेयर की टीम को शामिल करके बच्चे और उसके मां-बाप की काउंसलिंग में लगी है। वह इस मामले में शासन ने भी मेरठ पुलिस को 100000 का इनाम देने की घोषणा की है।