कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच दिल्ली में बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी प्रमुख नड्डा के आवास पर बैठक की।
इस बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भाजपा प्रमुख के आवास से निकल गए हैं। पंजाब और हरियाणा के किसान ‘दिल्ली चलो’ अभियान के तहत बॉर्डर पर डटे हैं। किसान सरकार द्वारा बातचीत के प्रस्ताव को पहले ही ठुकरा चुके हैं। इसके साथ ही किसान सरकार की नीतियों के खिलाफ नारे भी लगा रहे हैं। 26 नवंबर से शुरू हुए किसानों के आंदोलन के बाद से ही दिल्ली में प्रवेश करने वाले दो प्रमुख बॉर्डर सिंघु और टिकरी बंद हैं।
दिल्ली को चारों तरफ से घेरने की किसानों ने दी चेतावनी, बढ़ सकती है मुश्किल
इससे पहले किसानों के विरोध-प्रदर्शन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, ‘मैं प्रदर्शनकारी किसानों से अपील करता हूं कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है। कृषि मंत्री के किसान संगठनों को 3 दिसंबर को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। हम हर मांग और समस्या पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।’ शाह ने कहा कि अगर किसान संगठन 3 दिसंबर से पहले चर्चा करना चाहते हैं, तो मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जैसे ही आप अपना विरोध निर्दिष्ट स्थान पर स्थानांतरित करेंगे, हमारी सरकार अगले दिन आपकी चिंताओं को दूर करने के लिए वार्ता आयोजित करेगी।
वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी रविवार को चौथी बार किसानों से बातचीत का प्रस्ताव भेजा है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक तोमर ने कहा, ‘सरकार ने चौथी बार 3 दिसंबर को मिलने का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए पहले से ही बातचीत चल रही है, किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। सरकार बातचीत के लिए तैयार है, किसान यूनियनों को इसके लिए माहौल बनाना चाहिए। उन्हें आंदोलन छोड़ना चाहिए और वार्ता का चयन करना चाहिए।’