नई दिल्ली। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने पुरुषों के लिए गर्भनिरोध वाले इंजेक्शन (Contraceptive Injection) का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है। इस इंजेक्शन (Injection) को लेकर पिछले 7 साल से 303 हेल्दी पुरुषों पर परीक्षण कर रहा था। अच्छी बात यह है कि एक बार अगर कोई पुरुष इस इंजेक्शन (Contraceptive Injection) को लगा लेता है तो 13 साल तक गर्भनिरोधक लेने की कोई जरूरत नहीं होगी।
यानी वह पुरुष अगले 13 साल तक बाप नहीं बन सकेगा या महिला को प्रेग्नेंट नहीं कर सकेगा। इंजेक्शन (Injection) के इस सफलता से महिलाओं को कई तरह की झंझटों से मुक्ति मिलेगी। अब तक महिलाओं के उपर ही अधिकांश मामलों में गर्भनिरोधक (Contraception) का जिम्मा रहता है। इन सारी झंझटों से उन्हें मुक्ति मिल सकेगी।
दुनिया भर के वैज्ञानिक पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक गोलियां बनाने में लगे हुए हैं ताकि पार्टनर की प्रेग्नेंसी को रोका जा सके। हालांकि इसमें शत प्रतिशत सफलता अब तक नहीं मिली है, लेकिन आईसीएमआर द्वारा तैयार इंजेक्शन से शत प्रतिशत सफलता मिलने की गारंटी है। इस इंजेक्शन का नाम -रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म (RISUG ) जो नॉन-हार्मोनल इंजेक्टेबल कंट्रासेप्टिव (Non-hormonal injectable contraceptive) होगा।
आपको जानकर हैरानी होगी कि आईसीएमआर द्वारा तैयार पुरुषों के लिए यह गर्भनिरोध इंजेक्शन (Contraceptive Injection) बेहद प्रभावकारी इंजेक्शन है। आईसीएमआर (ICMR) ने इसे सुरक्षित माना है। इस इंजेक्शन के ट्रायल में वैज्ञानिकों ने 7 साल तक 303 हेल्दी पुरुषों पर परीक्षण किया जिनकी उम्र 25 से 40 साल के बीच थी। ये सभी पुरुष शादीशुदा थे और फिजिकली अपनी पत्नी के साथ एक्टिव थे। इन लोगों ने स्वेच्छा से गर्भनिरोधक का यह जरिया चुना था। इन लोगों को 60 एमजी वाला RISUG का इंजेक्शन दिया गया।
पति-पत्नी किसी पर साइड इफेक्ट नहीं
आईसीएमआर (ICMR) के इस सफल ट्रायल का प्रकाशन इंटरनेशनल ओपन एक्सेस जर्नल एंड्रोलॉजी ( journal Andrology)में हुआ है। यह इंजेक्शन (Injection) प्रेगनेंसी (Pregnancy) को रोकने में 99 प्रतिशत तक प्रभावी है। हालांकि ट्रायल के दौरान यह इंजेक्शन प्रेगनेंसी रोकने में लगभग 99.02 प्रतिशत तक प्रभावी रहा। इंजेक्शन लेने वाले पुरुषों में कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला। पुरुषों के अलावा महिलाओं पर भी साइड इफेक्ट का टेस्ट किया गया इसके लिए उन पुरुषों की पत्नियों का चेकअप किया गया जिन्हें ये इंजेक्शन (Contraceptive Injection) लगाए गए थे। चेकअप में उन पुरुषों की पत्नियों पर भी इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा।
डॉक्टर एम वली और अरुण गुप्ता ने बताया इस इंजेक्शन (Contraceptive Injection) को स्पर्म डक्ट में इंजेक्ट किया जाएगा। इसको लगाने से पहले व्यक्ति को लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है। RISUG को एक के बाद एक स्पर्म डक्ट्स में इंजेक्ट किया जाता है। इंजेक्शन लगने के बाद काफी चार्ज्ड पॉलिमर स्पर्म डक्ट की अंदर वाली वॉल में चिपक जाते हैं फिर जब पॉलिमर निगेटिव चार्ज्ड स्पर्म (Polymer Negatively Charged Sperm) के संपर्क में आता है तो यह उसे नष्ट कर देता है। इससे अंडे फर्टिलाइज (Fertilize Eggs) करने में वह सक्षम नहीं रह जाता।