नई दिल्ली| राजधानी में दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) ने कोविड-19 से उपजी स्थिति को देखते हुए इस सत्र की प्रवेश परीक्षा रद कर केवल 12वीं या स्नातक की मेरिट के आधार पर दाखिला लेने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। संस्थान के कुलपति प्रो.महेश वर्मा ने यह प्रस्ताव दिल्ली सरकार को भेजा है। यदि प्रस्ताव पर दिल्ली सरकार मुहर लगा देती है तो ऐसा पहली बार होगा जब आईपीयू केवल मेरिट के आधार पर दाखिला लेगा।
आईपीयू के कुलपति प्रो.महेश वर्मा ने बताया कि हमने कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए एक प्रस्ताव सरकार का भेजा है। जिसमें प्रवेश परीक्षा न कराकर केवल मेरिट के आधार पर दाखिला की बात है। लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय सरकार को लेना है। जो कंपनी परीक्षा कराती है वह अपने कंप्यूटर सेंटर पर परीक्षा कराती है लेकिन लगभग डेढ़ लाख छात्रों की परीक्षा कराना ऐसी स्थिति में थोड़ा चिंताजनक है। हमने इसलिए एक प्रस्ताव भेजा है।
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छात्रों की सुरक्षा अहम
संस्थान के कुलपति प्रो.महेश वर्मा का कहना है कि हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ही एक एजेंसी एडसिल को आईपी यूनिवर्सिटी की परीक्षा करानी थी। यह परीक्षा विभिन्न केंद्रों पर होनी थी ऐसे में फिजिकल डिस्टेंसिंग सहित अन्य जरूरी एहतियात बरतना है। हमने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह प्रस्ताव दिया है।
गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) में हर साल लगभग 70 विषयों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला होता है। कुछ विषयों में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हुई परीक्षा की मेरिट के आधार पर दाखिला होता है जैसे बीटेक,एमटेक, लॉ आदि। प्रवेश परीक्षा के बाद उसके अंकों के आधार पर छात्रों को कॉलेज अलॉट होता था।
31 जुलाई है आवेदन की अंतिम तिथि
आईपीयू में आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई है लेकिन गुरुवार तक यहां लगभग 1 लाख 55 हजार छात्रों ने आवेदन किया है। आवेदन तिथि आईपीयू कई बार बढ़ा चुका है।
दिल्ली के 85 छात्रों के लिए आरक्षित है सीट
दिल्ली सरकार के अन्य शैक्षणिक संस्थानों की तरह आईपी यूनिवर्सिटी में भी दिल्ली के छात्रों के लिए 85 फीसद आरक्षित हैं बाकी 15 फीसद सीटें दूसरे राज्यों के छात्रों के लिए आरक्षित हैं।
आईपीयू जल्द ही एक सामुदायिक रेडियो शुरू करने की योजना बना रहा है। परिसर के 10 किलोमीटर के दायरे में यह रेडियो सेवा होगी। एक मीडिया विभाग भी शुरू किया जा सकता है। इसको लेकर तैयारी चल रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन एक साथ कई योजनाओं पर काम कर रहा है। आने वाले पांच वर्षों में सभी योजनाएं जब मूर्त रूप ले लेंगी तब बहुत कुछ बदल जाएगा।
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विश्वविद्यालय के पास 18 एकड़ जमीन पूर्वी दिल्ली में है। वहां भी निर्माण कराया जा रहा है। द्वारका में 65 एकड़ की भूमि में पहले से छह ब्लॉक हैं। यहां और छह नए ब्लॉक बनाए जाने की तैयारी है। द्वारका परिसर में विश्व स्तरीय स्वास्थ्य केंद्र विकसित करने की योजना पर भी विश्वविद्यालय काम कर रहा है। इसके अलावा पूर्व छात्रों के लिए विश्वविद्यालय पोर्टल, इंक्यूबेशन सेंटर और केंद्रीयकृत प्लेसमेंट सेल बनाने को तैयारी की जा रही है।