उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर किसानों से छल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना संकट के सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों के गेहूं खरीद में अनेक प्रकार की कमियां निकालकर उन्हें बिचैलियों के हाथों बेंचने के लिये मजबूर किया जा रहा है।
श्री लल्लू ने बुधवार को कहा कि गेहूं क्रय केंद्र बिचैलियों व दलालों के पूरी तरह नियंत्रण में संचालित हो रहे हैं। सरकारी पोर्टल पर किसानों की शिकायत का भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा। क्रय केंद्रों पर फर्जी पंजीकरण कर दलालों, बिचैलियों के हिसाब से गेहूं खरीद कर किसानों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है। यह उत्पीड़न, शोषण रोकने का काम सरकार का है, लेकिन वह शोषकों को संरक्षण देने की भूमिका निभा रही है।
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उन्होने कहा कि क्रय केंद्रों पर कई-कई दिन ट्रैक्टर-ट्रालियों पर किसान अपनी बारी की प्रतीक्षा करते है। जब उनका नम्बर आता है तो गेहूं में अनेक प्रकार की कमियां निकालकर लेने से इन्कार कर दिया जाता है, जिसके बाद केंद्रों में बैठे दलालों, बिचैलियों के हाथों उसे अपनी उपज एमएसपी 1975 रुपये प्रति क्विंटल के बजाय 1400 से 1600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेंचना पड़ रहा है। किसानों को उपज का लागत मूल्य न मिलने के कारण उसके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होगा और वह कर्ज में डूब जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार गांव और गरीब किसान को महामारी के संकट के साथ दलालों के चंगुल में फंसाकर उसे दोहरी मार झेलने के लिये विवश कर रही है।