मुंबई। कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच अपने गांवों को लौटने वाले प्रवासी मजदूरों ने एक बार फिर से शहरों की राह पकड़ ली है। धीरे-धीरे वे शहरों को लौट रहे हैं। उद्योग के लोगों का कहना है कि इसके अलावा कुछ नियोक्ताओं द्वारा खुद प्रवासी मजदूरों को परियोजना स्थलों पर वापस लाया जा रहा है।
देश में अभी अनलॉक 2.0 चल रहा है और लॉकडाउन की वजह से बंद हुई परियोजनाओं में काम फिर शुरू हो चुका है। ज्यादातर परियोजनाओं में क्षमता के 50 प्रतिशत पर काम हो रहा है क्योंकि ज्यादातर श्रमिक अब तक लौट नहीं पाए हैं।
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बुनियादी ढांचा क्षेत्र की बड़ी परियोजनाएं रुकने की वजह से इंजीनियरिंग कंपनियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। अब ये कंपनियां छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों से श्रमिकों को खुद वापस लाने की पहल हो रही हैं।
मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अनुसार इंजीनियरिंग कंपनियों द्वारा दाहिसर पूर्व-अंधेरी पूर्व मेट्रो-7 लाइन परियोजना के काम को पूरा करने के लिए हजारों श्रमिकों को वापस लाया गया है। इसके अलावा रीयल एस्टेट कंपनियां भी श्रमिकों को खुद वापस लाने की पहल कर रही हैं, ताकि रुकी परियोजनाओं को पूरा किया जा सके।
कोविड-19 महामारी की वजह से ये श्रमिक डर से घरों को लौट गए थे। अब निर्माण गतिविधियां शुरू होने के बाद वे वापस लौटने लगे हैं। कुछ ट्रेनों से वापस आ रहे हैं, तो कुछ को ठेकेदार वापस ला रहे हैं।
भारतीय रेलवे का कहना है कि उसने देश के विभिन्न हिस्सों से विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों से 50 लाख मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है।
महाराष्ट्र के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री नवाब मालिक ने हाल में कहा, ‘‘हम कौशल की कमी को पूरा करने के लिए लगातार उद्योग संगठनों और सरकारी विभागों से बातचीत कर रहे हैं।