रूस ने 47 साल बाद अपना चांद मिशन लूना-25 (Luna-25) को भेजा था, लेकिन चांद की सतह पर उतरने की उम्मीदें उस वक्त टूट गईं। जब उसका चंद्रमा मिशन लूना-25 (Luna-25 ) क्रैश हो गया। लूना-25 के क्रैश होने से रूस के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों (Space Scientists) को बड़ा झटका लगा है। वहीं, रूस के शीर्ष वैज्ञानिक मिखाइल मारोव (90 वर्षीय) की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस के लूना-25 (Luna-25 ) मिशन के क्रैश होने के कुछ ही घंटों बाद रूसी वैज्ञानिक मिखाइल मारोव (Russian scientist Mikhail Marov) की तबीयत खराब हो गयी। जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। स्थानीय मीडिया की खबर में कहा गया है कि लूना-25 मिशन के फेल होने का मिखाइल मारोव धक्का लगा है।
उन्होंने अस्पताल में चंद्रमा मिशन (Moon Mission) के फेल होने पर कहा कि ‘अभी जांच चल रही हैं लेकिन वह परेशान क्यों ना हों? यह जिंदगी भर का सवाल है, वह इससे दुखी हैं। उनके लिए यह चंद्रमा प्रोग्राम को फिर से शुरू करने का आखिरी मौका था।’
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बता दें कि रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) ने लूना-25 को 11 अगस्त को लॉन्च किया गया था। जिसे सोमवार (21 अगस्त) को चांद पर लैंडिंग करनी थी, लेकिन लैंडिंग से पहले ही ये दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रोस्कोस्मोस (Roscosmos) के मुताबिक, शनिवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 2:57 बजे लूना-25 के साथ अचानक संपर्क टूट गया था। जिससे इसकी लैंडिंग को लेकर संशय पैदा हो गया था।