लखनऊ। पूर्व एमएलसी रामचन्दर प्रधान का पीआरओ होने का दावा कर ठगों ने संविदा पद पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर चार लाख रुपये हड़प लिए। पीड़ितों ने हजरतगंज कोतवाली में चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।
लखीमपुर पसगवां निवासी राजेश कुमार काम के सिलसिले में दारुलशफा विधायक निवास आते थे। जहां पर उनकी मुलाकात दिनेश सविता और फिरोजाबाद निवासी गुरुदत्त से हुई। बातचीत में दिनेश ने बताया कि वह पूर्व एमएलसी रामचन्दर प्रधान का पीआरओ है। इसके बाद राजेश और दिनेश की अक्सर मुलाकात होती रही। वर्ष 2019 में दिनेश ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ने ग्रामीण उन्नति संस्थान बनाया है। जिसमें संविदा के आधार पर भर्तियां होनी है।
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आपके परिचित में युवक हो। तो उन्हें नौकरी मिल सकती है। यह बात सुन कर राजेश ने बेटे लिटिलए उसके दोस्त अंकित कुमार, आलोक कुमार और अशरफ गाजी की नियुक्ति कराने के लिए कहा। जिस पर युवकों को शैक्षिक दस्तावेज लेकर बर्लिंग्टन चौराहे के पास बुलाया गया। जहां उनकी बात फोन पर बनारस निवासी अंकित कुमार और आलोक यादव से कराई गई। जिन्होंने नियुक्ति के लिए प्रति व्यक्ति एक लाख रुपये का खर्च आने की बात कही।
आरोपियों के झांसे में फंस कर लिटिलए अंकितए संदीप और अशरफ ने चार लाख रुपये दे दिए। इसके बाद भी नौकरी नहीं लगी। पूछताछ करने पर दिनेश और उसके साथी टाल मटोल करने लगे। परेशान होकर पीड़ितों ने राज्यमंत्री पिछड़ा वर्ग आयोग से मुलाकात कर उन्हें घटना की जानकारी दी। जिनके निर्देश पर हजरतगंज कोतवाली में अंकित कुमार, आलोक कुमार, गुरुदत्त व दिनेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।