नई दिल्ली| दिल्ली के शिक्षा व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगले सत्र से दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड काम करने लगेगा। जिसमें सिर्फ बोर्ड परीक्षा नहीं होगी, उसमें सतत् मूल्यांकन की व्यवस्था की जाएगी। जिससे यह पता लगे कि बच्चे ने जो पढ़ा है वह कितना समझ सका है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि उसमें बातें बहुत अच्छी-अच्छी है, मगर उसे लागू करने की कोई कार्य योजना नहीं है।
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मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में हम अपना शिक्षा बोर्ड लाने पर काम कर रहे है। इसे अगले सत्र 2021-22 में लागू की तैयारी कर रहे है। मगर एक साथ सभी स्कूलों के बजाएं कुछ स्कूलों में लागू होगा। उसके बाद उसकी कमियों को दूर करके आगे उसका दायरा बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बोर्ड के तहत हम बच्चों को पढ़ाने के साथ उनके मूल्यांकन के नए-नए तरीके ढूढ़ेंगे, जिससे उनका बेहतर विकास किया जा सके। इसमें हम फिनलैंड जैसे देश के ग्लोबल शिक्षा मॉडल को भी अपनाएंगे।
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जब उनसे पूछा गया कि क्या बोर्ड परीक्षा का प्रावधान खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा एक भारी शब्द है। पूरे साल में एक बार होता है उसके आधार पर बच्चों का मूल्यांकन किया जाता है जो कि ठीक नहीं है। शिक्षा बोर्ड का काम बच्चों के मूल्यांकन के नए-नए तरीके ढू़ढ़ना है। शिक्षा को बेहतर कैसे बनाया जाएं उसपर काम करना है। दिल्ली का शिक्षा बोर्ड पूरे साल सतत् मूल्यांकन वाली व्यवस्था पर काम करेगा। यह सभी कक्षा की बच्चों के लिए यह व्यवस्था होगी।