नई दिल्ली| भारत और अमेरिका को एक ”त्वरित व्यापार समझौते को पूरा करने के बाद मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के रूप में एक अधिक टिकाऊ, मजबूत और दीर्घकालिक भागीदारी की दिशा में काम करने के लिए बातचीत की मेज पर बैठने की जरूरत है। ये बातें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कही। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एफटीए के लिए भारत खुले दिमाग से काम करने का इच्छुक है। भारत बाजारों को खुला रखने की इच्छा के साथ भारतीय व्यवसायियों के लिए भी अमेरिका में बेहतर अवसर चाहता है।
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गोयल ने कहा, ”मेरा विश्वास है कि हम पिछले कुछ सालों के दौरान हमारे बीच उभरे लंबित मामलों को लेकर एक त्वरित व्यापार समझौता कर सकते हैं। इन मामलों को हमें जल्द सुलझाना लेना चाहिए। हम काफी कुछ इस दिशा में आगे बढ़ चुके हैं और मेरा मानना है कि अगली कुछ बातचीत में हम इन्हें सुलझा लेंगे। वाणिज्य मंत्री ने कहा, ”इसके बाद जैसा की अमेरिकी कांग्रेस को सूचित किया गया है, अमेरिका और भारत को बातचीत की मेज पर बैठना चाहिए। मुझे नहीं पता कि यह अमेरिका में चुनाव से पहले हो सकता है या फिर चुनाव के बाद, लेकिन हमें एफटीए के रूप में एक अधिक टिकाऊ, अधिक मजबूत और दीर्घकालिक भागीदारी की दिशा में काम करने की जरूरत है।
गोयल ने कहा कि दोनों देशों को एक तरजीही व्यापार समझौते के बारे में भी विचार करना चाहिए। इस समझौते में 50 से लेकर 100 उत्पादों और सेवाओं को शामिल किया जा सकता है। तरजीही व्यापार समझौते के तहत दो व्यापारिक भागीदारी सीमित संख्या की वस्तुओं पर आयात शुल्क को या तो समाप्त कर देते हैं या फिर काफी कम कर देते हैं जबकि एफटीए के तहत दोनों देश एक दूसरे के बीच होने वाले व्यापार में अधिक से अधिक उत्पादों पर शुल्क को समाप्त कर देते हैं। भारत और अमेरिका एक सीमित व्यापर समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं ताकि दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों को और बढ़ावा मिल सके।
भारत, अमेरिका में उसके इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पादों पर लगाये जाने वाले ऊंचे आयात शुल्क में छूट दिएजाने, सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) के तहत निर्यात लाभ को बहाल किए जाने और भारत के कृषि, वाहन, वाहन कलपुर्जे और इंजीनियरिंग उत्पादों के लिए अमेरिका के बाजारों में अधिक पहुंच दिएजाने की मांग कर रहा है।वहीं दूसरी तरफ अमेरिका चाहता है कि भारत में कृषि और विनिर्मित उत्पादों के लिए बाजारों को और अधिक खोला जाए। उसके डेयरी उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों को बेहतर बाजार पहुंच मिले। इसके साथ ही सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उत्पादों के आयात पर शुल्क कम किया जाए।
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अमेरिका भारत के साथ व्यापार घाटे को लेकर भी चिंता व्यक्त कर चुका है। अमेरिका लगातार दूसरे वित्त वर्ष 2019- 20 में भारत का शीर्ष कारोबारी भागीदार बना हुआ है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2019- 20 में दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 88.75 अरब डालर का रहा जबकि 2018- 19 में यह 87.96 अरब डालर रहा था।
भारत और अमेरिका सीधे हवा में छोड़े जाने वाले मानवरहित यान के साझा उत्पादन पर विचार कर रहे हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अमेरिकी रक्षा अधिग्रहण परिषद के अवर सचिव एलन एम लॉर्ड ने कहा कि वायुसेना, डीआरडीओ और भारत की एक स्टार्टअप कंपनी के साथ यूएस एयरफोर्स रिसर्च लैब इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। यूएस-इंडिया बिजनेस काउंस की इंडिया आइडियाज समिट को ऑनलाइन संबोधित करते हुए लॉर्ड ने यह बात कही।