नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उद्योगों के लिये कुछ राज्यों में उपलब्ध भूमि को लेकर वह जल्दी ही भूमि बैंक की ऑनलाइन शुरूआत करेंगे। इसके तहत पांच लाख हेक्टेयर क्षेत्र की पहचान की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय भूमि बैंक पोर्टल तैयार करने की कोशिश कर रहा है। इसके जरिये कोई भी व्यक्ति दुनिया में कहीं भी बैठकर गूगल अर्थ मैप के जरिये भूखंड को देख सकता है। यह जमीन पूरे देश में उपलब्ध है।
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मंत्री ने उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित वेबिनार में कहा, जल्दी ही मैं ऑनलाइन भूमि बैंक की शुरूआत करूंगा। यह जमीन कुछ राज्यों में उपलब्ध है। अब तक छह राज्यों ने आंकड़े साझा किए हैं। उन्होंने कहा, इसीलिए जमीन को लेकर किसी प्रकार की चिंता निराधार है। पूरे देश में अलग-अलग उद्योगों के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध है। मंत्रालय देश के विभिन्न भागों में उद्योग केंद्रित संकुल तैयार करने की दिशा में भी काम कर रहा है।
श्रमिकों के हितों का ध्यान रखा जाएगा
श्रम कानूनों के बारे में गोयल ने कहा कि 16-17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र को प्रस्ताव भेजे हैं और श्रम मंत्रालय उन सिफारिशों को देख रहा है। श्रम मंत्रालय ने उनके विचारों को व्यवस्थित करने का प्रयास कर रहा है ताकि राज्य श्रम कानून परिवेश को लागू करने की पेशकश कर सकें, जिसे लागू करना आसान होगा। इसमें श्रमिकों के हितों का ध्यान रखा जाएगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित होगा कि उद्योग को इन कानूनों को लागू करने में कठिनाई नहीं हो। उन्होंने उद्योग से अपने सदस्यों को कानून के दुरूपयोग को लेकर संवेदनशील बनाने को भी कहा। उन्होंने सदस्यों को यह बताने को कहा कि यह उद्योग के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है।
गोयल ने कहा, जब आप स्व-प्रमाणन की बात करते हैं, मेरी चिंता यह है कि हम स्वयं से व्यवस्था को बहुत अच्छी तरह से संचालित नहीं करते और यहां खुद से मेरा मतलब सरकार से नहीं है। आपको लोगों को कानून के दुरूपयोग के गंभीर परिणाम को लेकर संवेदनशील बनाना होगा और यह बताना होगा कि कैसे यह उद्योग के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कानून का उल्लंघन अधिकारियों को और प्रक्रियाएं सृजित करने के लिए अवसर देता है। उन्होंने कहा कि उद्योग मंडल सीआईआई, फिक्की और एसोचैम के प्रमुखों को गड़बडी को उजगार करने वालों की भूमिका निभानी है।
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मंत्री ने यह भी कहा कि निर्यात और आयात के आंकड़ों से व्यापार में पुनरूद्धार के साफ संकेत हैं। उन्होंने कहा कि देश का निर्यात और आयात पिछले साल के स्तर के करीब 88 प्रतिशत 75 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया है। इसी कार्यक्रम में उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरूप्रसाद महापात्र ने कहा कि उद्योग के लिए अनुपालन बोझ को कम करने के लिए प्रयास जारी हैं।