उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में पिछले रविवार को हुयी हिंसा में आठ लोगों की मौत के मामले में पुलिस की अपराध शाखा ने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्र उर्फ मोनू से आज शनिवार को सुबह 11 बजे से 6 लोगों की टीम ने पूछताछ की। लखीमपुर में क्राइम ब्रांच के दफ्तर में आशीष मिश्रा से मजिस्ट्रेट के सामने सवाल-जवाब हुए। लेकिन जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया है। लगभग 12 घंटे तक चली पूछताछ के बाद आशीष को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ के दौरान आशीष मिश्र अपने वकील के साथ मौजूद रहा. पूछताछ में डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल और लखीमपुर के एसडीएम भी पूछताछ में शामिल थे। आशीष मिश्रा ने अपने पक्ष में कई वीडियो पेश किए। वहीं 10 लोगों के बयान का हलफनामा भी पेश किया गया, जो बताते हैं कि वो काफिले के साथ नहीं था, दंगल मैदान में था।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं करने और कुछ सवालों के जवाब नहीं देने के कारण गिरफ्तार किया गया है। अब उसे कल कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा।
Ashish Mishra, son of MoS Home Ajay Mishra Teni, has been arrested as he was not cooperating during the interrogation and didn’t answer few questions. He will be produced before the court: DIG Upendra Agarwal, Saharanpur pic.twitter.com/nLG3HcmNME
— ANI UP (@ANINewsUP) October 9, 2021
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आशीष शनिवार सुबह 1035 बजे क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के सामने पेश हुआ था। वह स्कूटी से पुलिस लाइन पहुंचा और मीडियाकर्मियों को चकमा देते हुये पिछले गेट से प्रवेश कर गया। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने सुबह 11 बजे उससे पूछताछ शुरू कर दी।
उन्होने बताया कि आशीष साथ लाये साक्ष्यों में यह साफ नहीं कर सका कि वह घटना के समय कहां था। साथ लाये वीडियो में तिकुनिया में घटी हिंसक घटना के समय दंगल में होने की पुष्टि नहीं हो सकी है। आशीष की सफाई और साक्ष्यों से अधिकारी संतुष्ट नहीं हुये जिसके बाद उसे आईपीसी की धारा 302 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। उसे पुलिस लाइन से मेडिकल के लिये ले जाया गया है जिसके बाद उसे रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जायेगा। सूत्रों के अनुसार आरोपी को जेल भी ले जाया सकता है जहां मजिस्ट्रेट मौजूद रहेंगे। इस बीच जिले में एहतियात के तौर पर पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गयी है।
सूत्रों ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में आरोपी के सामने 40 सवालो की सूची रखी थी। पूछताछ की वीडियो रिकार्डिंग भी की गयी। आरोपी घटना के वीडियो की कई पेन ड्राइव साक्ष्य के तौर पर साथ लेकर आया था जिसमें दर्शाया गया था कि घटना के समय वह वहां मौजूद नहीं था बल्कि वहां से काफी दूरी पर बनवीरपुर गांव में दंगल के कार्यक्रम में व्यस्त था।
पूछताछ के दौरान आशीष से एक लिखित बयान उसके वकील की उपस्थिति में लिया गया। आशीष के वकील अवधेश कुमार ने कहा कि उनका मुवक्किल नोटिस का सम्मान करता है और जांच में हर प्रकार से सहयोग देने को तैयार है। पूछताछ के दौरान डीआईजी और एसपी रैंक के अधिकारी मौजूद रहे।
इस बीच शुक्रवार रात लखनऊ पुलिस ने छापा मार कर आशीष के दोस्त अंकित दास के घर से एसयूवी बरामद की जो घटना के दिन वहां मौजूद थी। हालांकि अंकित पुलिस के हाथ नहीं लगा लेकिन पुलिस ने उसके चालक को हिरासत में ले लिया। अंकित दिवंगत बसपा सांसद अखिलेश दास का भतीजा है। इस मामले में पुलिस ने आशीष के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 120बी, 304ए 147,148,149 ,279 और 338 के तहत मामला दर्ज किया है।