प्रयागराज| मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पिछले तीन वित्तीय वर्षों में मिले 343.51 करोड़ रुपये के खर्च का ब्योरा तलब किया है। साथ ही तमाम भावी प्रोजेक्ट्स और निर्माणाधीन भवनों के बारे में भी जानकारी मांगी है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा है कि प्रमुख मुद्दों एक फाइल तैयार रखें ताकि स्थायी कुलपति उन मुद्दों से जल्द अवगत होकर उन पर निर्णय ले सके।
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कुलपति प्रो. आरआर तिवारी को भेजे पत्र में कहा गया है कि रिकरिंग ग्रांट से इविवि को वर्ष 2017-18 में 7186.99 लाख, 2018-19 में 9533.76 लाख, 2019-20 में 14108.18 लाख रुपये मिले। उक्त रकम को लेकर मंत्रालय ने कुलपति से जवाब मांगा है। विश्वविद्यालय को अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए 2017-18 में 2022.95 लाख, 2018-19 में 700 और 2019-20 में 800 लाख रुपये की ग्रांट भी प्राप्त हुई। मंत्रालय ने उक्त रकम का उपभोग प्रमाण-पत्र तलब किया है।
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इस तरह इविवि को पिछले तीन वित्तीय वर्ष में कुल 343 करोड़ 51 लाख 68 हजार रुपये मिले। वीसी प्रो. आरआर तिवारी को भेजे गए पत्र में कहा कि भवन निर्माण के कार्य अपने अंतिम चरण में हैं। ऐसे में यह तय किया जाए कि सारे कार्य निर्धारित अवधि में पूरे कर लिए जाएं।