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परिवार पर आने वाली हर मुसीबत को अपने ऊपर ले लेता है आईना

Aaina

आईना

लाइफ़स्टाइल डेस्क। घर में आइने को सही दिशा में लगाने से शुभ फल मिलते हैं । वैसे तो आईना घर में सजने-संवरने के लिए होता है। लेकिन इसकी अहमियत सिर्फ यहीं नहीं होती हैं बल्कि यह वास्तु शास्त्र के हिसाब से आपकी लाइफ पर भी बुरा और अच्छा असर डालता है। वास्तु के हिसाब से घर में किस दिशा में, किस आकार में रखा ये जरूरी माना जाता है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से इसके बारे में विस्तार से।

सही दिशा में आईना लगाने से घर से वास्तु दोष कम होता है । घरों में साधारण रूप से आयताकार और वर्गाकार शीशे लगाये जाते हैं, जो कि वास्तु के अनुसार बिल्कुल ठीक हैं। जबकि घर में गोल आकार का और धार वाले शीशे का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए । गोल की जगह आप अष्टकोनीय, यानी आठ कोनो वाल आईना लगा सकते हैं. नुकीले आकार का आईना लगाने से घर में नकारात्मकता आती है और परेशानी बनी रहती है।

घर में आईना लगाने के लिये उत्तर-पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। इस दिशा में आईना लगाने से परेशानियां धीरे-धीरे अपने आप दूर होती चली जाती हैं।

वास्तु के अनुसार बेडरूम में कभी भी आईना नहीं लगाना चाहिए। इससे पति-पत्नी के बीच लड़ाई-झगड़े होते है। इसलिए अगर सोते समय आपका प्रतिबिंब आईने में नजर आ रहा है तो उसमें कोई कपड़ा डाल दें।

भोजनकक्ष में आईना लगाना बहुत ही अच्छा माना जाता है और वो भी बड़ी आकृति का। भोजनकक्ष की दीवार पर लगे बड़े-बड़े आइने ऊर्जा के अद्भुत स्त्रोत होते हैं। यह भाग्य के लिये बहुत ही शुभ माना जाता है। अगर भोजनकक्ष में ठीक डाइनिंग टेबल के सामने बड़ा-सा आईना लगा हो तो उसमें खाने के दौरान देखने पर खाने के दोगुने होने का आभास होता है। जिससे भूख तो अधिक लगती ही है साथ ही  घर के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और उनमें खुशी का संचार बढ़ता है। इसके अलावा अगर आपका किचन पश्चिम मुखी है तो आप पीछे की तरफ, यानी पूर्व दिशा की दीवार पर एक गोल शीशा लगाएं। इससे आपके किचन में जो भी वास्तु दोष है वो दूर हो जायेगा।

अगर आपके घर के बेसमेंट या नैऋत्य कोण, यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्नानघर या शौचालय बना है तो आप वहां पूर्व दिशा की दीवार पर वर्गाकार आकृति का आईना लगाइए। इससे आपके घर का वास्तु दोष जल्द ही दूर हो जायेगा |  अगर आपके घर का कोई हिस्सा असामान्य शेप का या अंधकार युक्त हो तो वहां कटे या बढ़े हुए हिस्से में दर्पण, यानी आईना लगाकर ऊर्जा को संतुलित कर सकते हैं |

यदि आपके घर के बाहर कोई बिजली का खंबा, ऊंची इमारत, अवांछित पेड़ या फिर धरती पर नुकीले उभार हैं तो आप घर के मुख्य दरवाजे पर उनकी तरफ पाक्वा मिरर लगाकर निदान कर सकते हैं | पाक्वा मिरर अष्टकोणीय लकड़ी के फ्रेम में होता है | जिस पर धागे से हुई कारीगरी भी मिलती है | यह फ्रेम अधिकतर लाल, हरे, पीले और सुनहरे रंग का होता है।

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