लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (Yogi Government) में सब कुछ ठीक चलता नजर नहीं आ रहा है। पहले यूपी के मंत्री दिनेश खटीक (Dinsh Khatik) का इस्तीफा सामना आया था। केंद्रीय गृह मंत्री को भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें दलित होने की वजह से सरकार में सम्मान नहीं मिलता। अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते। अब एक विधायक (BJP MLA) का पत्र सामने आया है। इसमें एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
विधायक ने डीएम और सीडीओ को इस संबंध में पत्र लिखकर आरोप लगाया कि एई 5 से 10 बजे तक फोन करने पर भी उनका फोन नहीं उठाया गया।
विधायक बंबा लाल दिवाकर (Bamba Lal Diwakar) ने डीएम और सीडीओ को लिखे पत्र में इंजीनियर रजनीश चंद्र अनुरागी को अक्षम बताकर ट्रांसफर करने और अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की मांग की है। साथ ही फोन न उठाने का आरोप लगाया है। विधायक ने पत्र में लिखा कि मैं मियांगंज की जनता से प्राप्त हो रही ट्रांसफारमर खराब होने की जानकारी और क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति पूर्णतया बन्द हाने के कारण राजनीश चन्द्र अनरागी अधिषाशी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड हसनगंज उन्नाव को शाम 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक फोन करता रहा किन्तु इन्होने मेरा फोन रिसीव नहीं किया।
विधायक बंबा लाल दिवाकर ( Bamba Lal Diwakar) ने डीएम और सीडीओ को लिखे पत्र में कहा कि जन प्रतिनिधि से एक्जीक्यूटिव इंजीनियर द्वारा ऐसी भाषा का प्रयोग किया जाना अनुचित है, इन्होने मेरे अधिकारों का हनन किया है, जनहित में इनके विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही करके अन्यत्र स्थानान्तरित किया जाना नितान्त आवश्यक है। विधायक ने कहा कि जन प्रतिनिधि से असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया जिससे अपने दायित्यों का निर्वाहन करने में अक्षम प्रतीत हो रहा है। जिस कारण जनहित से जुड़े कार्य कर पाना मुश्किल है। जलशक्ति मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की पेशकश के बाद विधायक के पत्र ने सियासत और गरमा दी है।
ऐसे में विपक्ष भाजपा को दलित विधायक और मंत्री का अपमान कराने के मामले में निशाने पर ले रहा है। कहा जा रहा कि जब विधायक और मंत्री अपना सम्मान नहीं बचा पा रहे हैं तो समाज का सम्मान कैसे सुरक्षित रखेंगे।