लखनऊ। अब यूपी विधानसभा में चिल्लाना और उग्र होकर विरोध प्रदर्शन करना विधायकों को भारी पड़ेगा। क्योंकि ऐसा करने पर MLA श्रेष्ठ विधायक पुरस्कार (Best MLA Award) की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। यूपी विधानसभा में नई पहल शुरू हो रही है। इसके तहत विधानसभा में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने और अपने क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले विधायकों को पुरस्कृत किया जाएगा और श्रेष्ठ विधायक के खिताब से नवाजा जाएगा। इसकी शुरुआत संसद में दिए जाने वाले श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार की तर्ज़ पर की जा रही है।
नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष भी होंगे समिति के सदस्य
उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के सातवें दिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने ऐलान किया है कि प्रत्येक वर्ष दो उत्कृष्ट विधायकों को इनाम (Best MLA Award) दिया जाएगा। सतीश महाना ने लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा में विधायकों को वोट किस प्रकार दिया जाने की नियमावली तैयार की है। विधायक की उत्कृष्ट पुरस्कार के लिए 22 मानक तय किया गया है। इनपर जो विधायक खरा उतरेगा उसे पुरस्कृत किया जाएगा।
यूपी विधानसभा में ‘श्रेष्ठ विधायक’ पुरस्कार (Best MLA Award) की पहल विधायकों को जहां अपना परफॉर्मेंस सुधारने के लिए प्रेरित करेगी। वहीं अपने क्षेत्र पर ध्यान देने के लिए भी उत्साहित करेगी। इसमें तय किया गया कि यूपी विधानसभा के उत्कृष्ट विधायक का चयन एक समिति करेगी। जल्दी ही इस चयन समिति की औपचारिक घोषणा होगी। इस समिति के अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष होंगे। समिति में नेता सदन (leader of house), नेता प्रतिपक्ष (leader of opposition), विधानसभा के उपाध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष की ओर से नॉमिनेट वरिष्ठ विधायक और एक वरिष्ठ पत्रकार सदस्य होंगे। विधानसभा के प्रमुख सचिव समिति के सदस्य सचिव होंगे।
नेता सदन के रूप में जहां सत्ता पक्ष को शामिल किया जाएगा, तो नेता प्रतिपक्ष भी इसमें शामिल होंगे। विधानसभा के इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव दोनों ही समिति में होंगे और श्रेष्ठ विधायक के चुनाव में हिस्सेदारी करेंगे।
पुरस्कार के तौर पर मिलेगा
श्रेष्ठ विधायक (Best MLA Award) के तौर पर 2 विधायकों का चयन किया जाएगा। इसमें एक सत्ता पक्ष का और एक विपक्ष का विधायक होगा। श्रेष्ठ विधायक के लिए नामांकन पर समिति की बैठक में तय होगा। ये भी तय किया गया कि अगर सर्वसम्मति श्रेष्ठ विधायक के नाम को लेकर नहीं बनती है, तो ऐसी स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष को फ़ैसले का विशेषाधिकार होगा और अंतिम निर्णय वही करेंगे। पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
विधायकों को इस आधार पर परखा जाएगा
नियमावली में इस बात का ध्यान रखा गया है कि ज़्यादा विधायकों को मौक़ा मिले। इसके लिए विधायक चुने जाने के बाद एक कार्यकाल में एक ही बार किसी विधायक को पुरस्कार या श्रेष्ठ विधायक का ख़िताब मिलेगा। श्रेष्ठ विधायक बनने के लिए जितना महत्व विधानसभा के अंदर आचरण को दिया गया है, उतना ही विधायक के अपने क्षेत्र में उनके व्यवहार, छवि और काम को दिया गया है।
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श्रेष्ठ विधायक (Best MLA Award) बनने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र में विधायक का लगातार सक्रिय रहना ज़रूरी है। सार्वजनिक जीवन में व्यवहार, क्षेत्र में काम कराने को लेकर रुचि, दूसरे सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता से भी इसका आकलन किया जाएगा। श्रेष्ठ सांसद की तर्ज़ पर दिए जाने वाले श्रेष्ठ विधायक पुरस्कार सालाना मिलेंगे। सबसे पहले 2023 के लिए पुरस्कार 2024 में मिलेंगे।