लखनऊ। राज्यसभा चुनाव में अपने ही विधायकों से ‘धोखा’ खाने वाली समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सामने एक बार फिर इम्तिहान की घड़ी आ गई है। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में एमएलसी (MLC) की 13 सीटों पर 21 मार्च को चुनाव होने हैं। सपा और बीजेपी दोनों ही दल इसकी तैयारियों में जुटे हैं। सपा (Samajwadi Party) ने अपने तीन उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है और पार्टी ने अतिरिक्त कैंडिडेट उतारने से इनकार किया है। राज्यसभा चुनाव की तरह क्रॉस वोटिंग का भी खतरा है।
एक एमएलसी सीट के लिए बहुमत का आंकड़ा 29 विधायक वोटों का है। अगर सपा (Samajwadi Party) एक अतिरिक्त कैंडिडेट उतारती है तो पार्टी को छह और विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। मसलन, कांग्रेस और सपा के कुल 110 विधायकों का वोट है और गठबंधन के पास तीन उम्मीदवारों की जीत के लिए पर्याप्त बहुमत है। अतिरिक्त उम्मीदवार उतारने पर पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
बीजेपी ने उतारे 10 उम्मीदवार
हाल ही के राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को क्रॉस वोटिंग से बड़ा नुकसान हुआ, जहां पार्टी के पास पर्याप्त विधायक होते हुए एक उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा। पार्टी विधायकों ने बीजेपी के समर्थन में क्रॉस वोटिंग कर दी थी। आगामी एमएलसी चुनाव में बीजेपी ने 10 उम्मीदवार उतारे हैं और पार्टी के पास इन उम्मीदवारों को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या भी है।
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बहुजन समाज पार्टी एमएलसी चुनाव में अबतक अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। अगर समाजवादी पार्टी तो 6 और अन्य विधायक का वोट चाहिए होगा अपने कैंडिडेट को जिताने के लिए। सहयोगी दलों को मिलाकर एनडीए के पास 286 विधायक हैं। 10 उम्मीदवारों की जीत के लिए पार्टी को 290 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। बीजेपी की तरफ से अतिरिक्त उम्मीदवार नहीं उतारा गया है।