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मणिपुर हमले की MNPF ने ली जिम्मेदारी, नोट जारी कर जवानों को दी ये नसीहत

मणिपुर में हुए आतंकी हमले में सात लोगों ने अपनी जान गंवा दी। एक कर्नल समेत चार जवान शहीद हो गए। वही कर्नल के परिवार के दो सदस्य भी इस हमले का शिकार हुए। इस आतंकी हमले से पूरा देश आक्रोशित है। दहशतगर्दों के खिलाफ कड़े एक्शन की बात हो रही है। अब इस बीच Manipur Naga People’s Front (MNPF)  ने इस हमले की जिम्मेदारी ले ली है।

जिम्मेदारी लेने के अलावा एक नोट भी जारी कर दिया गया है। उस नोट में आज शनिवार की घटना के बारे में विस्तार से बताया गया है। ये भी कहा गया है कि हमला करने वाले लोग इस बात से अंजान थे कि काफिले में कर्नल की पत्नी और बच्चा भी मौजूद थे। ऐसे में नोट के अंदर जवानों को ही नसीहत दे दी गई है कि वे संवेदनशील इलाकों में परिवार को साथ लेकर ना आए। कहा गया है कि जिन इलाकों को सरकार ने भी सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माना है, वहां पर परिवार का रहना ठीक नहीं है।

अब जानकारी के लिए बता दें कि ये संयुक्त बयान उप प्रचार सचिव रोबेन खुमान और थॉमस नुमाई द्वारा दिया गया है। उनकी तरफ से इस हमले की पूरी जिम्मेदारी ले ली गई है। अब सरकार कब और किस तरह से इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई करती है, ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। वैसे मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह पहले ही कह चुके हैं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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वहीं जानकारी के मुताबिक नक्सली हमले में  शहीद विप्लव ओर उनकी पत्नी, बच्चे का शव कल रविवार शाम तक रायगढ़ पहुंचेगा। शव हवाई मार्ग से रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेगा। जिसके बाद शव रायपुर से सेना के हेलीकॉप्टर से जिन्दल हवाई पट्टी पर उतरेगा। जहां शव को रामलीला मैदान में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उसके बाद अंतिम संस्कार क्रिया को पूर्ण किया जाएगा।

कैसे हुआ था ये हमला

आज के हमले की बात करें तो सुबह करीब दस बजे मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघाट में आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया। उनकी तरफ से  46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी को निशाना बनाया गया और उनके काफिले पर ये जानलेवा हमला हुआ। ये हमला भी तब हुआ जब  6 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी फॉरवर्ड कैंप से वापस लौट रहे थे। उस समय उनके काफिले में उनका परिवार भी मौजूद था। लेकिन क्योंकि आतंकियों को उनकी मूवमेंट की पूरी जानकारी थी, ऐसे में एक तय रणनीति के तहत सिंघाट में उनके काफिले को निशाना बनाया गया और ये बड़ा हमला हो गया।

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