उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक’ मानव जीवन को सरल बनाने में उपयोग साबित हुयी है।
श्री योगी ने कहा कि नई तकनीक को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को इस तकनीक का अध्ययन कर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईटी चेन्नई, आईआईटी रुड़की के विषय-विशेषज्ञों सहित अन्य विशेषज्ञों ने भी ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक’ के सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने दिया। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-।।। वर्ष 2020-21 बैच-। के अन्तर्गत केन्द्र सरकार ने लगभग 4,178 करोड़ रुपए लागत के 6,287 किमी से अधिक लम्बाई के 898 मार्गों एवं पांच सेतुओं के प्रस्ताव अब तक स्वीकृत किए गए हैं।
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अपर मुख्य सचिव ने बताया कि लगभग 3,046 करोड़ रुपए लागत के 2,416 किमी से अधिक की लम्बाई के 299 मार्गों का निर्माण ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक’ के माध्यम से प्रस्तावित है। यह तकनीक टिकाऊ, मजबूत, किफायती, पर्यावरण अनुकूल है। इसके मेन्टेनेन्स की लागत भी कम है। इसमें पुरानी सड़क के सम्पूर्ण क्रस्ट का दोबारा इस्तेमाल हो जाता है तथा स्टोन एग्रीगेट की जरूरत नहीं पड़ती है। इस तकनीक से सड़क का निर्माण भी बहुत तेजी से होता है।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), ग्राम्य विकास राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, संयुक्त सचिव केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय आशीष कुमार गोयल समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।