नई दिल्ली। देश में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए सरकार ने विकास वित्त संस्था के गठन का निर्णय किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुयी। बैठक में वित्त मंत्रालय के इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विकास वित्त संस्था को 20000 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी दी जायेगी। संसद में इस संबंध में एक विधेयक पेश किया जायेगा। इस संस्था में एक व्यावसायिक बोर्ड होगा। इसमें बाजार, बीमा कम्पनियों आदि से पूंजी जुटाया जायेगा। बजट के दौरान इस तरह की संस्था की बात कही गयी थी ।
उन्होंने बैंकों के निजीकरण को लेकर किये गये एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सभी बैंकों का निजीकरण नहीं किया जा रहा है। देश की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बैंकों का विलय किया जा रहा है। वह देश में भारतीय स्टेट बैंक की क्षमता का बैंक चाहती हैं। विलय के दौरान बैंक कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जायेगी।