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मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को दी मंजूरी, MHRD का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया

 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया है। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी मिल गई है। इस फैसले पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई बैठक कैबिनेट ने लगाई है।

मिली जानकारी के अनुसार इन दोनों फैसलों की शाम को प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी जाएगी। बता दें मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने सिफारिश की थी कि उसका नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाए। जिसे बुधवार को हुई काबीना बैठक में स्वीकार कर लिया है।

पीएम नरेंद्र मोदी 1991 में कह दिया था, अयोध्या तभी दुबारा आऊंगा जब मंदिर निर्माण शुरू होगा

शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नई शिक्षा नीति (NEP) को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य एजुकेशन सिस्टम को पूरी तरह बदलना है। अब उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक संस्था होगी। हालांकि, त्रिभाषा फॉर्मूला को जारी रखा गया है।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कुछ देर में इसकी घोषणा करेंगे। नया अकादमिक सत्र सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने जा रहा है और सरकार का प्रयास पॉलिसी को इससे पहले लागू करने का है।

1 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति की समीक्षा की थी। पूर्व इसरो चीफ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति ने इसका मसौदा तैयार किया है।

कुछ राज्यों में हिंदी को लागू किए जाने को लेकर चिंता है, लेकिन एचआरडी मंत्रालय ने इसे दूर करने का भरोसा दिया है। शिक्षा क्षेत्र के सुधारों की पीएम मोदी की ओर से समीक्षा के बाद सरकार ने कहा था कि सरकार का उद्देश्य सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा में सुधार लाना है। एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लाया जाएगा जिसका फोकस कई भाषाओं, 21वीं सदी की कुशलता, खेल और कला आदि के समावेश पर होगा।

स्कूली और उच्च शिक्षा में टेक्नॉलजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर भी विस्तार से चर्चा की गई थी। हालांकि, अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि क्या मसौदे में कोविड 19 संकट से मिले सबक को भी शामिल किया गया है।

साथ ही इस साल फरवरी में बजट के दौरान घोषित की गई नई शिक्षा नीति को भी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने स्वीकृति दी। बजट 2020 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई शिक्षा नीति का ऐलान किया था। इसे स्वीकृति मिलने के बाद करीब 34 साल बाद फिर से देश को नई एजुकेशन पॉलिसी मिली है।

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