भरतपुर। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्र के कृषि कानूनों को अलोकतांत्रिक बताया है। कहा कि ये कानून किसी भी तरह से किसानों के हित में नहीं है, इसलिए देश के हर नागरिक को इन कानूनों के विरोध में खड़ा होना चाहिए।
महाराजा सूरजमल के 257वें बलिदान दिबस के अवसर पर भरतपुर आये श्री पायलट ने केंद्र की कहा कि मोदी सरकार चंद पूंजीपतियों को देश की सारी संपत्ति सौंपना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के लागू होने से उपजी चुनौतियों का सामना आज देश कर रहा है। इन कानूनों के विरोध में कड़ाके की सर्दी में हजारों किसान धरने पर बैठे हैं, जो जमीन से अनाज उगाकर हमारा पेट पालते हैं उनकी चिंता मोदी सरकार को नहीं है।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सहित विपक्षी दलों और देश के हर नागरिक को इस विरोध में खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार किसानों के समर्थन में खडी है। कल भी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षरों का ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपकर इन कानूनों को वापस लेने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से ये कानून संसद में पास किए गए हैं, उस लिहाज से ये किसी भी तरह किसानों के हित में नहीं है।
राजस्थान की गहलोत सरकार पर टिप्पणी करते श्री पायलट ने कहा कि राजस्थान की सरकार पूरे पांच साल चलेगी और सरकार के पास पूर्ण बहुमत है, लेकिन जिन कार्यकर्ताओं ने विपक्ष में रहते अपना खून पसीना पार्टी के लिए बहाया है और जिनके संघर्ष के दम पर सरकार बनी है, उन कार्यकर्ताओं को सरकार में उचित सम्मान मिले, यही प्रयास सभी का है।