हैदराबाद। केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Jaishankar) ने दावा किया है कि ‘मोदी की गारंटी’ भारत की सीमाओं से परे है और इसका वैश्विक स्तर पर महत्व है।
डॉ जयशंकर (Jaishankar) मंगलवार की शाम यहां फोरम फॉर नेशनलिस्ट थिंकर्स, हैदराबाद चैप्टर की ओर से आयोजित ‘भारत की विदेश नीति : संदेह से विश्वास तक’ विषय पर एक वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर भगवान हनुमान की तुलना एक कूटनीतिक आदर्श के रूप में की तथा अपने नागरिकों के कल्याण और सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए विदेश नीति निर्णयों में राष्ट्रीय हित को सबसे आगे रखने के महत्व को रेखांकित किया।
वैश्विक मामलों में डॉ. जयशंकर (Jaishankar) ने उन उदाहरणों का उल्लेख किया जहां भारत ने संकट के समय देशों को समर्थन दिया, जिसमें प्रशांत और कैरेबियाई क्षेत्र भी शामिल थे। उन्होंने चुनौतियों का सामना कर रहे देशों के साथ समावेशिता और एकजुटता की वकालत करते हुए भारत की विदेश नीति के नैतिक आयाम पर जोर दिया तथा ऐतिहासिक चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में चीन को दीर्घकालिक चिंता के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने रणनीतिक स्पष्टता की आवश्यकता के साथ ही राजनयिक व्यस्तताओं में राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया।
डॉ. जयशंकर (Jaishankar) ने वैश्विक समुदाय के साथ जुड़ते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों की रक्षा की अनिवार्यता पर बल देते हुए विदेश नीति में ‘भारत पहले’ दृष्टिकोण की वकालत की। उन्होंने सरदार पटेल जैसे नेताओं के व्यावहारिक रुख को ध्यान में रखते हुए, कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के साथ भारत की भागीदारी पर चर्चा की। उन्होंने बाहरी निर्णयों के अनुचित प्रभाव के बिना राष्ट्रीय हितों की रक्षा के महत्व पर जोर दिया। अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण पर उन्होंने कहा कि भारत ने 1947 की एक ऐतिहासिक गलती को सुधार लिया है।
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विदेश मंत्री ने विशेष रूप से कश्मीर और पाकिस्तान के संबंध में अंतरराष्ट्रीय दबावों पर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता , राष्ट्रीय विकास और आर्थिक वृद्धि के लिए मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने के साथ ही महत्व पर जोर दिया।
डॉ. जयशंकर ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहल में आत्म-विश्वास की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि ये सिर्फ आर्थिक रणनीतियाँ नहीं हैं बल्कि आत्मविश्वास की अभिव्यक्ति हैं।
कार्यक्रम में तेलंगाना प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं और केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी, लोकसत्ता के संस्थापक सदस्य डॉ. जयप्रकाश नारायण, पूर्व एमएलसी एन रामचंदर राव और अन्य गणमान्य हस्तियां मौजूद रहीं।