• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

मोक्षदा एकादशी व्रत का कब होगा पारण, इस बात का ध्यान

Writer D by Writer D
12/12/2024
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
0
Nirjala Ekadashi

Nirjala Ekadashi

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

आज विष्णु भक्त मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) का व्रत रखेंगे और भगवान की उपासना करेंगे। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। वहीं, मोक्षदा एकादशी की पूजा ही नहीं पारण का भी मुहूर्त देखा जाता है। आइए जानते हैं कब होगा मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण व विधि-

मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) व्रत पारण का शुभ मुहूर्त-

मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि का व्रत पारण 12 दिसम्बर को किया जाएगा। इस दिन पारण (व्रत तोड़ने का) शुभ समय सुबह 07:05 मिनट से सुबह 09:09 मिनट तक रहेगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रात 10 बजकर 26 मिनट रहेगा।

मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) का व्रत पारण कैसे करें

– स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें

– भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें

– प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें

– अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें

– मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें

– ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें

– पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें

– प्रभु को तुलसी सहित भोग लगाएं

– अंत में व्रत संकल्प पूर्ण करें व क्षमा प्रार्थना करें

व्रत पारण के समय ध्यान रखें ये बातें-

दृक पंचांग के अनुसार, एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्य के उदय होने के बाद पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना जरूरी माना जाता है। अगर द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाती है तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाता है। द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना शुभ नहीं माना जाता है।

एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। जो विष्णु भक्त व्रत कर रहे हैं, उन्हें व्रत तोड़ने से पहले हरि वासर समाप्त होने का इंतजार करना चाहिये। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि मानी जाती है। व्रत तोड़ने के लिए सबसे शुभ समय प्रातः काल का होता है। कुछ कारणों की वजह से अगर कोई प्रातः काल पारण करने में सक्षम नहीं है तो उसे मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिए।

Tags: Mokshada Ekadashi datemokshada ekadashi puja vidhi
Previous Post

शादी में आ रही हैं परेशानियां, तो गुरुवार को करें ये खास उपाय

Next Post

प्रदोष व्रत के दिन करें ये उपाय, शिवजी की बरसेगी कृपा

Writer D

Writer D

Related Posts

Ashadha
Main Slider

इस तारीख से शुरू हो रहा है आषाढ़ माह, नोट करें इस माह के त्योहार

11/06/2025
Gemstone
Main Slider

नौकरी में सफलता के लिए धारण करें ये रत्न

11/06/2025
Plants
धर्म

घर में न लगाएं ये पौधे, जीवन में लाते हैं दुर्भाग्य और बाधाएं

11/06/2025
Jyeshtha Purnima
Main Slider

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इन स्थानों पर जलाएं दीपक, होगी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा

11/06/2025
CM Bhajanlal Sharma
Main Slider

आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है मोदी सरकार की: भजनलाल

10/06/2025
Next Post
Pradosh Vrat

प्रदोष व्रत के दिन करें ये उपाय, शिवजी की बरसेगी कृपा

यह भी पढ़ें

ug-pg students

UG और PG स्टूडेंट्स को राहत, यूपी सरकार कर रही है प्रमोट करने की तैयारी

17/05/2021
Vat Savitri Vrat

वट सावित्री पूर्णिमा कब? जानें इसका महत्व

28/05/2025
anmol amrita

अमृता राव और आरजे अनमोल ने किया बेटे का नामकरण

06/11/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version