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मोक्षदा एकादशी कब है, नोट कर लें पूजन सामग्री

Mokshada Ekadashi

Mokshada Ekadashi

प्रत्येक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णुजी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी जाती है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) मनाई जाती है। दृक पंचांग के अनुसार, इस साल 11 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्ति मिलती है और साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्ष दिलाने के कारण इस दिन को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री लिस्ट, पूजाविधि और पारण टाइमिंग…

मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) 2024 : दृक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 11 दिसंबर 2024 को सुबह 03: 42 एएम पर होगा और अगले दिन 12 दिसंबर 2024 को सुबह 01 : 09 ए एम पर समाप्त होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 11 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) पारण टाइमिंग : 11 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने वाले जातक 12 दिसंबर 2024 को सुबह 06:57 एएम से लेकर सुबह 09:00 बजे तक एकादशी व्रत का पारण कर सकते हैं।

पूजा सामग्री लिस्ट :

विष्णुजी की पूजा के लिए पीला कपड़ा, पीले फूल, अक्षत, कुमकुम, तुलसी दल, पंचामृत, विष्णुजी और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा, आम का पत्ता, पीले फल, पंचमेवा, चौकी, धूप, दीपक समेत पूजा की सभी सामग्री एक साफ थाली में रख लें।

पूजा-विधि :

मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नानादि के बाद विष्णुजी का स्मरण करें।

अब एक छोटी मौकी पर विष्णुजी और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा रखें। साथ ही गणेशजी और कृष्णजी की भी मूर्ति स्थापित करें।

विष्णुजी समेत सभी देवी-देवताओं को फल, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें और उनकी आरती उतारें।

इस दिन संभव हो तो दिनभर उपवास रखें और रात को गीता का पाठ या प्रवचन सुनते हुए जागरण करना शुभ माना गया है।

पूजा-अर्चना के बाद मोक्षदा एकादशी की व्रत कथा सुनें।

अंत में पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमाप्रार्थना मांगे और आरती करने के बाद प्रसाद वितरित करें।

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