वाराणसी : ‘नाथों के नाथ’ बाबा विश्वनाथ के धाम (Vishwanath Dham) में स्वर्ण शिखर गिरने की घटना सामने आई है। धाम में स्थित बैकुंठेश्वर महादेव मंदिर के शिखर पर स्थित 2 स्वर्ण कलश अचानक जमीन पर आ गिरे। जिसे देख मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं के साथ प्रशासन के लोग भी हैरान हो गए। इस हादसे के बाद मंदिर प्रशासन ने स्वर्ण कलश को सुरक्षित रखा है।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह में मंगला आरती के दौरान बंदरों के उत्पात के कारण स्वर्ण शिखर पर स्थित कलश गिर पड़ा। बताया जा रहा कि बंदरों ने इस कलश को जोर-जोर से हिला दिया। राहत की बात ये रही कि भोर होने के कारण मंदिर में भीड़ कम रही और इससे किसी श्रद्धालु को चोंट नहीं लगी।
काशी विश्वनाथ मंदिर (Vishwanath Dham) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि दोनों ही स्वर्ण कलश मंदिर कार्यालय में सुरक्षित हैं और इन्हें वापस से शिखर पर लगवाने की कवायद भी शुरू हो गई है ।
इसके लिए विशेषज्ञों की टीम से बातचीत की जा रही है। बताते चलें कि इसके लिए स्थानीय सर्राफा कारोबारियों से संपर्क भी किया गया है। मंदिर प्रशासन का दावा है कि जल्द ही इस स्वर्ण कलश को शिखर पर दोबारा लगवा दिया जाएगा।
190 साल पहले लगा था स्वर्ण शिखर
इतिहासकारों के अनुसार करीब 190 साल पहले महाराणा रणजीत सिंह ने एक टन सोना दान देकर काशी विश्वनाथ क मुख्य मंदिर के साथ बैकुंठेश्वर मंदिर के शिखर को स्वर्ण मंडित कराया था। 1835 में उसी समय इन स्वर्ण कलश को स्थापित किया गया था। बता दें कि ये स्वर्ण कलश आकाशीय बिजली से मंदिर से बचाता है।