नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र से पहले ही सभी सांसदों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। यह जानकारी शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दी है। उन्होंने बताया कि सांसदों को आरटी-पीसीआर परीक्षण से गुजरना होगा, जिसमें उनके नाक / गले से स्वैब लिया जाएगा।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि कोरोना वायरस ने दुनियाभर में लोकतांत्रिक संस्थानों के कामकाज के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की है। हमें उम्मीद है कि सदस्य कोविड-19 संबंधित दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मॉनसून सत्र के सुचारू संचालन में सहयोग करेंगे।
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बिरला ने कहा कि सांसदों के अलावा मंत्रालय के अधिकारियों, मीडिया के प्रतिनिधियों, सांसदों के परिवारवालों, लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारियों सहित संसद भवन परिसर में प्रवेश करने की संभावना वाले सभी लोगों सत्र शुरू होने से पहले कोरोना जांच कराना होगा।
कोविड-19 के मद्देनजर संसद के आगामी मॉनसून सत्र की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिये दोनों सदनों के अधिकारियों, स्वास्थ्य मंत्रालय, डीआरडीओ व अन्य एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस बैठक में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बलराम भार्गव, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बैठक के बाद बिरला ने कहा कि दोनों सदनों (राज्यसभा और लोकसभा) में बैठने की व्यवस्था कोविड-19 के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुरूप होगी । सत्र आयोजित करने के लिये व्यापक व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान बिना छुए सुरक्षा जांच (जीरो टच) करने की व्यवस्था की जा रही है।
संसद का आगामी मॉनसून सत्र 10 सितंबर से शुरू हो सकता है। कोविड-19 महामारी के बीच होने वाली इस बैठक में उचित दूरी का पालन सुनिश्चित करने के लिए दोनों सदनों की अलग-अलग बैठकें और सांसदों के लिए बड़े डिस्प्ले वाली स्क्रीन सहित अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस सत्र के दौरान कुल 18 बैठकें होंगी। दोनों सदनों की कार्यवाही शनिवार और रविवार को भी होगी। इसे बारे में विस्तृत जानकारी जल्द ही जारी की जाएगी।
मॉनसून सत्र को लेकर जोरदार तैयारियां चल रही है क्योंकि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संसदीय इतिहास में बहुत कुछ पहली बार होने जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, उचित दूरी का पालन करने के लिए नई व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। मसलन, सदस्यों के बैठने के लिए दोनों सदन कक्षों और दीर्घाओं का इस्तेमाल किए जाने की संभावना है। राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक सत्र की कार्यवाही के दौरान उच्च सदन के सदस्य दोनों सदन कक्षों और दीर्घाओं में बैठेंगे।