विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के भारी हंगामे के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राज्यसभा में नये मंत्रियों का परिचय कराते हुये नये मंत्रियों की सूची सदन के पटल पर रख दी।
मानसून सत्र के पहले दिन सदन में पूर्व सदस्यों और अन्य गणमान्य लोगों को श्रद्धांजलि दिये जाने के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गयी थी। उसके बाद दोपहर 12.24 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर सभापति एम वैंकेया नायडु ने सदन को संबोधित किया और प्रधानमंत्री को मंत्रिमंडल विस्तार के तहत बनाये गये नये मंत्रियों से सदन को परिचय कराने के लिए कहा।
श्री मोदी के मंत्रिमंडल के सदस्यों को परिचय कराने के लिए खड़े होने से पहले ही तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस और कांग्रेस के सदस्य अलग अलग मुद्दों को लेकर सदन के बीचों बीच आकर नारेबजी और हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच श्री मोदी ने कहा कि संसद में इस तरह की नकारात्मक मानसिकता पहले कभी भी नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा कि कुुछ लोग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगोें को मंत्री बनाये जाने को पचा नहीं पा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि कई महिलाओं के साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति के नेताओं ने मंत्री के रूप में शपथ ली है। यह ग्रामीण भारत के लिए गौरव की बात है क्योंकि कई लोग ग्रामीण परिवेश से आकर मंत्री बने हैंं। लेकिन कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि उनका परिचय कराया जा सके। उनकी मानिसकता भी महिला विरोधी है क्योंकि वे नहीं चाहते कि महिला मंत्रियों का भी परिचय कराया जाये। इसके बाद प्रधानमंत्री ने नये मंत्रियों की सूची सदन पटल पर रख दी।
इसके बाद सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी हंगामे के दौरान कहा कि वर्षाें की परंपरा है कि जब भी नया मंत्रिमंडल बनाया जाता है या मंत्रिमंडल का विस्तार होता है प्रधानमंत्री सदन को मंत्रियों का परिचय कराते रहे हैं। यह परंपरा पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर चली आ रही है लेकिन अभी कुछ लोगों ने इस परंपरा को रोकने की कोशिश की है जो लोकतांत्रिक परंपरा के लिए बहुत ही नुकसानदायक है।
इसके बाद भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहने पर सभापति ने दोपहर दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।