हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 8 जुलाई को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और व्रत की पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का व्रत है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं।
बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि
मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें।
मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है।
आप किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें।
सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं।
अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किए होने चाहिए।
अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें।
इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं।
मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है।