उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले के फालेन गांव में आज तड़के होली की लपटों के बीच से जब माेनू पंडा निकला तो वहां मौजूद देश-विदेश से आये दर्शकों ने दांतो तले उंगली दबा ली।
पिछले 40 दिन से मन्दिर में साधना कर रहे मोनू पंडा ने सोमवार तड़के करीब चार बजे होली की लपटों के बीच से निकलने के पहले कई घंटे तक हवन किया तथा पास में रखे दीपक की लौ पर हथेली रखकर दीपक की गर्मी का अहसास किया ।
सुबह लगभग पौने चार बजे जब पंडे को दीपक की लौ शीतल महसूस होने लगी तथा लगातार अपनी हथेली को दीपक की लौ पर रखने के बावजूद उसकी गर्मी को उसने महसूस नहीं किया तो उसने होली में आग लगाने का आदेश दिया और खुद पास के प्रहलाद कुण्ड में स्नान करने चला गया ।
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इसी बीच उसकी बहन ने प्रहलाद कुंड से होली तक के मार्ग पर करूए से पानी डालकर पंडे के होली से निकलने का मार्ग बनाया और इसी बीच पलक झपकते ही पंडा होली की लपटों से निकल गया।
गोपाल मन्दिर फालेन के महन्त बालकदास ने बताया कि पंडा कुशल से है तथा होली की लपटों से निकलने के बाद उसे किसी प्रकार की परेशानी नही हुई है। उधर कोसी थाने की पुलिस ने भी पंडे के होली से सकुशल निकलनेे की पुष्टि की है।