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यूपी का ये शहर बना विश्व का दूसरा सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण वाला शहर

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के शहर मुरादाबाद (Moradabad) का नाम यूएन (UN)की लिस्ट में शामिल हुआ है। इस शहर में ध्वनि प्रदूषण दुनिया के शीर्ष शहरों की तुलना में सर्वाधिक है। युनाइटेड नेसंश इन्वॉयरमेंट प्रोग्राम (UNEP) की ताजा रिपोर्ट में जो लिस्ट सामने आई है उसमे दुनियाभर के उन तमाम शहरों के नाम शामिल हैं जहां ध्वनि प्रदूषण सबसे अधिक है। इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के शहर मुरादाबाद (Moradabad) का नाम भी शामिल है, जोकि दुनिया के सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण वाले शहरों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है।

इस लिस्ट में बांग्लादेश का शहर ढाका पहले नंबर पर है, जहां पर ध्वनि प्रदूषण सबसे अधिक है। जबकि पाकिस्तान का शहर इस्लामाबाद इस लिस्ट में तीसरे पायदान पर है। वहीं भारत के अन्य शहरों की बात करें जो इस लिस्ट में दिल्ली, कोलकाता, आसनसोल, जयपुर भी शामिल है।

मुरादाबाद (Moradabad) टॉप 3 में

बता दें कि निर्यात के मामले में मुरादाबाद भारत का सबसे बड़ा केंद्र है, यहां 114 डेसिबल का ध्वनि प्रदूषण है, जोकि इस लिस्ट में ढाका के बाद दूसरे नंबर पर है। ढाका की बात करें तो यह बांग्लादेश की राजधानी है और यह कपड़ों की फैक्ट्री के लिए प्रसिद्ध है। एक्सपर्ट का कहना है कि यहां ध्वनि प्रदूषण 70 डेसिबल से कहीं अधिक और वो भी काफी लंबे समय तक रहता है जोकि लोगों में सुनने की दिक्कत पैदा कर सकता है।

100 से अधिक प्रजातियों को बीमार बन रहा ध्वनि प्रदूषण

इन शहरों में प्रदूषण का स्तर

ढाका (बांग्लादेश)- 119

मुरादाबाद (भारत)- 114

इस्लामाबाद (पाकिस्तान)- 105

राजशाही (बांग्लादेश)- 105

हो चिन मिन सिटी (वियतनाम)- 103

इबादान (नाइजीरिया)- 101

कुर्पोंडोले (100)- 100

इल्जाइर्स (अल्जीरिय)- 100

बैंकॉक (थाइलैंड)- 99

न्यूयॉर्क (अमेरिका)- 95

डमैस्कस (सीरिय)- 94

मनीला (फिलिपींस)- 92

हॉन्गकॉन्ग (चीन)- 89

कोलकाता (भारत)- 89

आसनसोल (भारत)- 89

किन मानकों पर तय हुआ

शहरों में प्रदूषण का स्तर मुख्य रूप से सड़क पर ट्रैफिक, हवा में ट्रैफिक, रेलवे ट्रैफिक, मशीनों का शोर, उद्योग, पर्व-त्योहार के शोर को शामिल किया जाता है। दिलचस्प बात यह सामने आई है कि न्यूयॉर्क में 10 में से 9 ट्रांसिज यूजर्स को ध्वनि प्रदूषण की शिकायत है और यहां और यहां पर लोगों के बहरे होने की संभावना अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार चीड़ियों की गानों के पैटर्न में बदलाव आया है। हॉन्कॉन्ग में 5 में से 2 लोगों को तय सीमा से अधिक शोरगुल को बर्दाश्त करना पड़ता है।

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