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Morbi Accident: ओरेवा कंपनी पर एक्शन, MD के खिलाफ जारी हुआ अरेस्ट वारंट

Morbi Accident

Morbi Bridge accident

अहमदाबाद। गुजरात के मोरबी जिले में पिछले साल हुए ब्रिज हादसे (Morbi Accident) मामले में ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। दरअसल, गुजरात पुलिस ने ब्रिज पुल गिरने के महीनों बाद, जिसमें 141 लोगों की जान चली गई थी, पुलिस ने पुल के नवीनीकरण, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार फर्म के एमडी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। वहीं, वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने जयसुख पटेल के लिए लुकआउट सर्कुलर भी जारी कर दिया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही पुलिस जयसुख पटेल को गिरफ्तार कर लेगी।

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात पुलिस ने रविवार को अजंता ओरेवा ग्रुप के प्रमोटर जयसुख पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके साथ ही पुलिस ने पटेल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है, जिसकी कंपनी अंग्रेजों के जमाने के सस्पेंशन ब्रिज के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार थी।

गौरतलब है कि, जयसुख पटेल ने मामले में गिरफ्तारी के डर से 16 जनवरी को मोरबी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। सत्र न्यायालय ने शनिवार को अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड के प्रबंध निदेशक की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई एक फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी थी।

ओरेवा समूह के MD की अग्रिम जमानत अर्जी 1 फरवरी तक टली

चूंकि, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी सी जोशी की अदालत ने जयसुख पटेल द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई एक फरवरी तक टाल दी, क्योंकि सरकारी वकील मौजूद नहीं थे। बता दें कि मच्छू नदी पर बना केबल पुल 30 अक्टूबर को टूट गया था, जिसके संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी ओरेवा समूह के पास थी।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज टूट गया था। वहीं, इस हादसे के दौरान इस पर 300-400 लोग मौजूद थे। सभी लोग नदी में गिर गए थे। हालांकि, इनमें से कुछ लोगों को बचा लिया गया था, जबकि, इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी।

मोरबी झूला पुल हादसा: 141 लोगों की मौत, रेस्क्यू में जुटीं सेना और NDRF की टीमें

जांच-पड़ताल में खुलासा हुआ कि ब्रिज हादसे से 5 दिन पहले ही 7 महीने की मरम्मत के बाद खोला गया था। इसके साथ ही ब्रिज खोलने से पहले फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं लिया गया था। वहीं, इस ब्रिज के रखरखाव की जिम्मेदारी ओरेवा कंपनी के पास ही थी, जिसके बाद कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।

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