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मोरबी हादसा: ओरेवा कंपनी के 2 मैनेजर सहित नौ गिरफ्तार

Morbi Jhula bridge accident

Morbi Bridge Incident

अहमदाबाद। गुजरात के मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद पुलिस ने ब्रिज हादसे (Morbi Bridge Incident) के गुनहगारों की धर-पकड़ तेज कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक इस मामले में  9 लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया गया है। इससे पहले यह खबर आई थी कि इस हादसे के बाद पुलिस ने सोमवार को 9 लोगों को हिरासत में लिया था। इन सभी लोगों से इस हादसे को लेकर पूछताछ की गई थी।

खबर सामने आ रही है कि पूछताछ के बाद पुलिस ने इन सभी 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले जिन 9 लोगों को हिरासत में लिये जाने की खबर सामने आई थी उनमें पुल के प्रबंधक और रखरखाव पर्यवेक्षक शामिल हैं। इसके अलावा पुल के प्रबंधन से जुड़े तमाम लोगों से भी पूछताछ की बात सामने आई थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किये गए आरोपियों में ओरेवा कंपनी के 2 मैनेजर, 2 टिकट क्लर्क, 3 सिक्योरिटी गार्ड और 2 रिपेयरिंग कांट्रेक्टर शामिल हैं।

गुजरात में मोरबी शहर के बी डिवीजन क्षेत्र में रविवार को झूला पुल टूटने से मच्छू नदी में गिरने से अब तक 141 लोगों की मौत हो चुकी है तथा अन्य कई लोग घायल हुए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। अभी भी नदी में लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि मच्छू नदी पर बना झूलता पुल कल शाम अचानक टूट गया, जिसके कारण कई लोग नदी में गिर गए। इसके बाद वहां कोहराम मच गया था। रविवार को हादसे के बाद सोमवार को भी राहत कार्य चल रहा था।

गैर इरादतन हत्या का केस

पुलिस ने गुजरात के मोरबी शहर में केबल पुल के रखरखाव और संचालन का काम देखने वाली एजेंसियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। मच्छु नदी पर केबल पुल रविवार को टूट गया था। इस हादसे में करीब 141 लोगों की मौत हो गई थी। मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि शहर में घड़ियां और ई-बाइक निर्माता ओरेवा समूह को पुल के नवीनीकरण और संचालन का ठेका दिया गया था।

मोरबी में 43 साल पहले मच्छू नदी ने ढाया था कहर, तब खंभों पर लटकती मिली थीं लाशें

मोरबी ब्रिज के धाराशायी होने के बाद कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। यह पुल पिछले कुछ महीनों से बंद था। कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत की गई थी। हादसे से महज 5-7 दिन पहले ही यह ब्रिज आम लोगों के लिए खोला गया। आखिर मरम्मती के बाद यह पुल इतनी जल्दी कैस टूट गया?

यह भी कहा जा रहा है कि इस पुल पर 100-150 लोगों के आने की क्षमता है लेकिन इसपर रविवार को 400-500 लोग पहुंचे थे। आखिर किसने इतने लोगों को इस पुल पर आने की इजाजत दी है। इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है। एसआईटी इस मामले में अपनी जांच भी शुरू कर चुकी है। ऐसी आशंका है कि अभी इस मामले में कई अन्य गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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