मिर्जापुर। जिले के पचरा गांव में एक दिल दहलाने वाली ऐसी वारदात सामने आई जहां मां की ममता ही मर गई। यहां एक मां अपने कलेजे के टुकड़ों एक-एक कर कुएं में फेंक दिया। फिर बाहर बैठकर उनकी मौत का इंतजार करने लगी। महिला जब आश्वस्त हो गई कि सभी की मौत हो गई तो खुदकुशी के इरादे से घर में आग लगा ली। हालांकि शोर होने के बाद आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और उसे बचा लिया। मगर, बच्चों के बचाने में देर हो गई। तीनों बच्चों की डूबने से मौत हो गई। दो का शव रात ही में निकाल लिया गया था।
तीसरे का शव शनिवार सुबह बड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया। मामले की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। घटना ने हर किसी को झकझोर दिया। जिसने भी सुना वो सिहर उठा। मुंबई कमाने गए पति से फोन पर हुई कहासुनी के बाद महिला ने ऐसा खौफनाक कदम उठाया। पुलिस हत्या का मुकदमा दर्ज कर महिला को गिरफ्तार (Arrested) कर पूछताछ कर रही है।
मैंने बच्चों को कुएं में फेंका
संतनगर थाना क्षेत्र के पचरा गांव में पति से फोन पर विवाद के बाद शुक्रवार को देर रात महिला ने अपने तीन बच्चों को कुएं में फेंककर घर में आग लगा ली। महिला के शोर मचाने पर परिजन और ग्रामीण पहुंचे। आग बुझाने के बाद कमरे में बच्चों के नहीं मिलने पर महिला से पूछा गया। उसने बताया कि बच्चों को कुएं में फेंका है।
ग्रामीणों ने कुएं में झांका तो दो बच्चों का शव उतराया मिला। दोनों का शव निकालकर पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शनिवार सुबह करीब 10.45 बजे तीसरे बच्चे का शव बरामद किया गया। एएसपी नक्सल ओपी सिंह ने बताया कि ससुर श्यामधर की तहरीर पर पुलिस ने सुधा पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
बच्चों पर उतारा पति का गुस्सा
अमरजीत को पत्नी पर शक रहता था। शुक्रवार शाम मरजीत ने पत्नी के मोबाइल पर फोन किया। उस समय फोन पड़ोस के घर में था। पड़ोसी की पुत्री ने फोन उठाया। इस बात पर अमरजीत और पत्नी सुधा के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि पत्नी पर शक के चलते पति अमरजीत ने यह तक कह दिया कि बच्चे भी उसके नहीं है। इस पर सुधा ने बच्चों को कुएं में फेंकने के साथ खुद को कमरे में आग लगाकर जान देने की कोशिश की। जिसे लोगों ने बचा लिया।
महाकुंभ से पहले प्रयागराज में होगा मंदिरों का विकास
घटना के बाद जब तीसरे बच्चे की कुएं में तलाश की जा रही था तो महिला घर के पास गुमसुम बैठी थी। दो बच्चों का शव मिलने के बाद तीसरे बच्चे के लिए छह घंटे तक खोजबीन चलती रही। तब तक सुधा देवी घर के पास बैठी रही। तीसरे बच्चे का शव मिलने के बाद जब पुलिस महिला को गिरफ्तार कर थाने ले गई तो वहां पूछताछ के दौरान उसने अफसोस जताया। जब किसी ने उसे पूछा की पछतावा हो रहा है तो वह फफककर रोने लगी। फिलहाल बच्चों को निर्ममतापूर्वक कुएं में फेंकने की घटना सुनने वाले लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि आखिर एक मां अपने बच्चों के साथ ऐसा कैसे कर सकती है।
हत्या कर कुएं में फेंके जाने की आशंका
तीन बच्चों को कुएं में फेंके जाने के मामले में यह आशंका जताई जा रही है कि महिला ने कहीं हत्या करने के बाद तो शव कुएं में नहीं फेंका। डूबने से मौत होने पर अक्सर पेट में पानी भर जाता है। तीनों बच्चों का पेट नहीं नहीं फुला था। इससे लग रहा है कि हत्या के बाद शव कुएं में फेंक दिया गया। जिंदा फेंकने पर बच्चे पानी पीते तो उनका पेट पानी से भरा होता। इस मामले में पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।