लखनऊ। राजधानी के मोहनलालगंज के डांडा सिकंदरपुर गांव में एक मां की मौत सड़क दुर्घटना (Road Accident) में उस दिन हो गई जिस दिन उसकी बेटी की शादी (Wedding) थी। इस दुखद खबर से शादी की खुशियां पलभर में मातम में तब्दील हो गईं।
बेटी ने मां की मौत की खबर सुनकर शादी रोकने का फैसला किया। लेकिन जब उसे याद आया कि यह शादी उसकी मां का सपना था तो उसने तय समय पर ही विधि विधान से शादी (Wedding) रचाई और ससुराल विदा हो गई। बाद में वह मायके लौटी और मां को नम आंखों से विदाई दी
जानकारी के मुताबिक, डांडा सिकंदरपुर की रहने वाली मुन्नी देवी विगत मंगलवार की शाम को विवाह से संबंधित सामान खरीद कर बैटरी रिक्शा से वापस घर को लौट रही थीं। तभी ई-रिक्शा बेकाबू होकर पलट गया, जिसमें ई रिक्शा पर सवार मुन्नी देवी रिक्शा समेत गिर गईं और पूरा रिक्शा मुन्नी देवी के ऊपर जा गिरा। इससे वह लहूलुहान हो गईं और उनकी मौत हो गई।
जब परिजनों को पता चला कि मुन्नी देवी की मौत हो गई तो वे रोने बिलखने लगे। लेकिन उसी दिन बेटी की शादी थी और बारात आने वाली थी। मां की मौत से आहत दुल्हन ने शादी रोकने का मन बनाया। लेकिन परिजनों और बेटी को याद आया कि उसकी मां का सपना था कि यह शादी धूमधाम से हो।
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फिर बेटी की शादी (Wedding) तय समय पर ही विधि विधान से हुई। बेटी चाहती थी कि विदाई से पहले वह मां को आखिरी बार देख सके। लेकिन उसकी मां के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया था। इसलिए वह मां के दर्शन किए बिना ही मायके से विदा हुई। बाद में जब पोस्टमार्टम के बाद मां का शव घर लाया गया तो बेटी ससुराल से मायके लौटी और नम आंखों से मां को विदाई दी। इसके बाद महिला का दाह संस्कार किया गया।