कौशाम्बी जनपद मुख्यालय मंझनपुर स्थित कलेक्ट्रेट परिसर से दो दिन पहले अगवा 3 वर्षीय मासूम को बरामद कर पुलिस ने गुरुवार को घटना का खुलासा कर दिया है। खुलासे में मासूम साहिल के अपहरण की मुख्य सूत्रधार उसकी मां ही निकली। जिसने बहराइच जनपद निवासी प्रेमी देवी प्रसाद के हाथ बेटे को सौंप अपहरण की सनसनीखेज साजिश रची थी।
पुलिस ने अगवा बच्चे को मंझनपुर भरवारी मार्ग से जा रहे एक ऑटो (विक्रम गाड़ी) से अपहरणकर्ता देवी प्रसाद के कब्जे से साहिल को बरामद किया। पुलिस अब साहिल को उसके पिता को सौंप, माँ शालू और उसके प्रेमी देवी प्रसाद को जेल भेजने की कार्यवाही कर रही है।
करारी थाना क्षेत्र के किंग नगर निवासी जगदीश प्रसाद अपनी पत्नी शालू और 3 वर्षीय बेटे साहिल के साथ मंझनपुर आया था। कलेक्ट्रेट परिसर में पत्नी शालू और बेटे साहिल को छोड़ वह कचेहरी किसी काम से चला गया। साढ़े 5 बजे वह लौटकर कलेक्ट्रेट पहुंचा तो पत्नी ने बेटे के अगवा होने की जानकारी उसे दी। जगदीश ने मंझनपुर पुलिस को फोन कर जानकारी दी।
कलेक्ट्रेट परिसर से बच्चे के अगवा होने की सूचना से स्थानीय थाना पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में थाना पुलिस सहित सीओ मंझनपुर मौका-ए-वारदात पर पहुंचे। प्राइमरी जांच के बाद मंझनपुर पुलिस ने जगदीश की तहरीर पर बच्चे के अपहरण केस दर्ज कर लिया।
एसपी ने अपहरण के खुलासे के लिए स्थानीय थाना पुलिस सहित एसओजी को भी जिम्मेदारी दी। जांच के दौरान एसओजी को मुखबिर के जरिए अपहरित साहिल के मंझनपुर से भरवारी ले जाए जाने की जानकारी मिली। एसओजी से कार्यवाही करते हुए मंझनपुर भरवारी रोड के अलीपुर गांव के समीप एक ऑटो (विक्रम गाड़ी) से साहिल को एक व्यक्ति के साथ बरामद कर लिया। पूछताछ में व्यक्ति ने अपना नाम देवी प्रसाद पुत्र दशरथ लाल निवासी बगहा थाना मतीपुर जनपद बहराइच बताया। पुलिस को दिए अपने इकबालिया बयान में देवी प्रसाद ने अगवा बच्चे की माँ शालू से प्रेम सम्बन्ध होने की बात कबूल की। पुलिस ने शालू और देवी प्रसाद को सामने रखकर पूछताछ की तब जाकर साहिल के अगवा होने की सुनियोजित साजिश का खुलासा हो सका।
एसपी राधेश्याम विश्वकर्मा ने बताया, मंझनपुर पुलिस एवं एसओजी के संयुक्त कार्यवाही में अगवा बच्चे साहिल को सकुशल बरामद किया गया है। अपहरण के आरोप में देवी प्रसाद व बच्चे की माँ शालू को गिरफ्तार किया किया गया है। विवेचना के दौरान प्रकरण में धारा 363, के साथ धारा 109, 420, व 196 के तहत विधिक कार्यवाही की जाएगी। अभियुक्तों को जेल भेजने की प्रक्रिया की जा रही है।
कुम्भ मेले में शालू और देवी प्रसाद में हुआ था प्यार
देवी प्रसाद ने पुलिस के सामने अपने गुनाह को कबूल कर बताया, शालू 4 साल पहले कुम्भ के मेले में प्रयागराज पति सहित आई थी। उसी दौरान वह उसे दिल दे बैठा। फोन नंबर साझा होने के बाद वह अक्सर बातें किया करते थे। शालू कई बार अपने घर से भाग कर उसके पास रहने बहराइच आई थी। पिछले दो सालो से वह एक दूसरे से नहीं मिल सके थे। शालू ने एक सप्ताह पूर्व पति को छोड़ उसके साथ रहने की बात कही। जिसके तहत वह मंझनपुर आया और कलेक्ट्रेट से बच्चे को लेकर बहराइच जा रहा था। रास्ते में पुलिस ने उसे ऑटो से गिरफ्तार कर लिया।
क्यों रची शालू ने अपने बेटे के अपहरण की साजिश
बकौल शालू उसका पति जगदीश काम के सिलसिले में मुंबई रहते है। कोरोना काल के दौरान वह पिछले दो साल से घर पर ही रह रहे हैं। जिससे वह अपने प्रेमी देवी प्रसाद से नहीं मिल सकी थी। अब वह अपने बेटे सहित देवी प्रसाद के साथ आगे की जिंदगी बिताना चाहती थी। उसने देवी प्रसाद के साथ मिलकर भागने की योजना बनाई। उसी के तहत जिद कर वह पति जगदीश के साथ मंगलवार को मंझनपुर आई थी। वहां देवी प्रसाद को भी पहले से बुला लिया था। जगदीश के कचहरी जाते ही वह देवी प्रसाद को कलेक्ट्रेट बुलाकर बेटे साहिल को सौंप दिया। पति जगदीश के आने पर उसने बेटे के कहीं गुम होने की बात कह उसे खोजने लगी। जगदीश ने बच्चे को खोजने के स्थान पर पुलिस को फोनकर बुला लिया। जिससे उसने घबरा कर पुलिस ने सामने अपहरण की बात कह अपनी जान बचाने की कोशिश की। लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब होने से पहले पुलिस ने उसकी पोल-पट्टी खोल दी।
बेटे के अपहरण में पति को जेल भिजवा प्रेमी संग रहना चाहती थी शालू
एसपी राधेश्याम ने बताया, शालू ने अपने खुद के बेटे को प्रेमी के साथ भेजकर पति जगदीश को बेटे के अपहरण के मामले में जेल भेजवाना चाहती थी। इसके पहले भी शालू दो तीन बार खुद के अपहरण की साजिस रच एक माह, 15 दिनों के लिए गायब हो चुकी है। बाद में वह स्वतः घर आ जाती है। पुलिस की पूछ-ताछ में शालू अपना बयान बदल रही थी, जिससे उस पर शक हुआ। सर्विलांस के जरिये शालू के प्रेमी का पता चला। घटना की हकीकत आज सबके सामने है।