उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के तहत संचालित योजनाओं का लाभ उद्यमियों और निवेशकों को आसानी से सुलभ कराने के लिए एमएसएमई विभाग व आईसीआईसीआई बैंक (ICIC Bank) के बीच एमओयू किया गया है।
डालीबाग स्थित खादी भवन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई डॉ. नवनीत सहगल की उपस्थिति में विभाग के विशेष सचिव प्रदीप कुमार ने आईसीआईसीआई बैंक के नॉर्थ इंडिया बिजनेस हेड विशाल भट्ट ने समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया।
इस अवसर पर यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि अर्थ जगत में टेक्नोलॉजी और बैंकिंग के सहयोग के बगैर कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती है। आईसीआईसीआई बैंक का लिंकेज मिलने से एफिशिएंसी बढ़ेगी। साथ ही क्रेडिट बेहतर होगा। इससे छोटे-छोटे उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में चार वर्षों में 50 लाख से अधिक नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना हुई।
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बैंको द्वारा इकाइयों को ढाई लाख करोड़ रुपये का लोन दिया गया है। इसके फलस्वरूप लगभग ढाई करोड़ रोजगार का सृजन भी हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्राथमिकता वाली एक जिला-एक उत्पाद योजना आज पूरे देश में चर्चित है. भारत का हर राज्य इस योजना को अपना रहा है।
इसके अलावा डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि समझौते के तहत आईसीआईसीआई बैंक एमएसएमई के साथ ओडीओपी योजना में भी मदद करेगा। आईसीआईसीआई बैंक प्रदेश के समस्त जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्रों को ऑनलाइन करने के लिए साफ्टवेयर उपलब्ध करायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है उद्यमियों को आगे बढ़ाने की।
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ई-गवर्नेस के माध्यम से एमएसएमई विभाग की सभी गतिविधियां पूर्णत: ऑनलाइन होने से उद्योगपतियों को सहूलियतें मिलेगी, वहीं निवेश को जमीन पर उतारने में आसानी भी होगी। आईसीआईसीआई बैंक उद्यमियों का रजिस्ट्रेशन कराने के लेकर उद्योग लगाने में पूरी मदद देगा। साथ ही आवेदन पत्रों के ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी।