काठमांडु। 13 अक्टूबर 2019 को नेपाल और चीन के बीच माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापने को लेकर एक आपसी सहमति बनी थी। इस समझौते के तहत अनुच्छेद 1 के अनुसार, चीन और नेपाल मिलकर माउंट झूमलांगमा और सागरमाथा की ऊंचाई का ऐलान करेंगे। इस समझौते में माउंट एवरेस्ट के संयुक्त मापन का उल्लेख तो नहीं है, लेकिन आपसी सहयोग की बात जरूर कही गई है। वहीं, इस समझौते के अनुच्छेद 5 के मुताबिक, दोनों देश माउंट एवरेस्ट के सर्वेक्षण और मानचित्रण के लिए आपसी सहयोग तंत्र विकसित करेंगे। अब माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई का ऐलान नेपाल के विदेश मंत्रालय की ओर से कर दिया गया है।
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माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मौजूदा समय में 8848 मीटर मानी जाती है। अब नई ऊंचाई 8848.86 मापी गई है। ऐसे में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई और बढ़ गई है। बता दें कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने की कोशिश पिछले साल शुरू की गई थी। इस बेहद जटिल कार्य का अंजाम देने के पिछले साल एक अभियान दल चोटी पर भेजा था।
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दरअसल, नेपाल सरकार का ऐसा अनुमान था कि 2015 में आए विनाशकारी भूकंप सहित विभिन्न कारणों से चोटी की ऊंचाई में बदलाव आ सकता है। इसलिए चोटी की सही ऊंचाई को मापने का फैसला किया गया था। नेपाल के समाचार पत्र ने बताया है कि सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा 1954 में की गई माप के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर थी।