फिल्म- लैला-मजनू
कलाकार- तृप्ति डिमरी, अविनाश तिवारी
डायरेक्टर- साजिद अली
रेटिंग – 3.0/5.0
‘जब वी मेट’, ‘लव आज कल’, ‘रॉकस्टार’ और ‘तमाशा’ जैसी हिट फिल्में बनाने वाले फिल्ममेकर इम्तियाज अली की अगली फिल्म लैला मजनू की कहानी कश्मीर की खूबसूरत वादियों से शुरू होती है।लैला (तृप्ति डिमरी) एक दिलचस्प और बेहद खूबसूरत किरदार है और उन्होंने अपने किरदार को बखूबी निभाया है ।वो अपनी खूबसूरती के बारे में जानती है और लड़कों से मिलने वाले अटेंशन को एन्जॉय भी करती है।वहीँ कैस (अविनाश तिवारी) फिल्म की जान हैं, जब कैस लैला से मिलता है तो दोनों खुद-ब-खुद एक-दूसरे की तरफ खिंचे चले जाते हैं। दरअसल दोनों की कहानी की शुरुआत फ़्लर्ट से शुरू होती है । कैस के बारे में कहा जाता है कि वो शराबी और लड़कीबाज है। कैस के बारे में इस तरह की बातें पता चलने पर लैला का इंटरेस्ट कैस की तरफ और बढ़ जाता है। फ्लर्ट से शुरू हुई बातचीत गहरे प्यार में बदलने लग जाती है। धीरे धीरे लैला के लिए कैस का जूनून बढ़ता चला जाता है जाता। यही से कहानी की असल शुरुआत होती है, कैस की बर्बादी की शुरुआत।
लैला के पिता (परमीत सेठी) काफी जाने-माने आदमी है। उनका कैस के पिता (बेंजामिन गिलानी) से प्रॉपर्टी को लेकर झगड़ा चल रहा है, इसलिए दोनों के परिवार लैला-मजनू के प्यार को अपनाने से इंकार कर देते हैं। कैस देश छोड़कर चला जाता है। चार साल बाद वो वापस आता है और अब कैस पूरी तरह से लैला को लेकर पागल हो चुका था।
अगर बात करे एक्टिंग की तो फिल्म का हीरो कैस (अविनाश) फिल्म की ताकत है। तृप्ति बेहद खूबसूरत हैं और लैला के किरदार को बखूबी निभाया है। इम्तियाज अली ने कैस के पागलपन को बहुत खूबसूरत अंदाज़ में दिखाया है। अविनाश तिवारी ने इस किरदार को बेहतरीन तरीके से निभाया है। साजिद ने 2 घंटे 15 मिनट की इस फिल्म को कहीं भी भटकने नहीं दिया। आखिर में इमोशन को दिखाते हुए ऐसा लगता है कि उन्होंने अपना कंट्रोल खोया है।
रोमांटिक फिल्मों के एक्सपर्ट बन चुके इम्तियाज अली के भाई साजिद अली इस फिल्म के डायरेक्टर है। साहसी लैला और दीवाने मजनू के कैरेक्टर को शानदार तरीके से गढ़ा गया है।
शशांक भट्टाचार्य ने बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी कर कश्मीर की खूबसूरती को दिखाया है जिसने इस लव स्टोरी को रियल बनाने का काम किया है। वहीँ साजिद ने बिना किसी इंटीमेट सीन के प्यार की गहराई को दिखाया है।जहां आज के समय में लव स्टोरीज बहुत फास्ट दिखाई जाती हैं, वहीँ लैला मजनू की कहानी धीरे-धीरे गहराई में उतरती है। जिसमें दो प्रेमियों का पागलपन दिखता है, और दिल को छू लेने वाली लैला-मजनू की कहानी दर्शकों को बेहद पसंद भी आयेगी।
फिल्म का म्यूजिक फिल्म का सबसे बड़ा प्लस-पॉइंट है। फिल्म में 10 गाने होने के बावजूद भी ऐसा लगता है कि गाने और होने चाहिए। फिल्म का म्यूजिक कंपोज निलादरी कुमार और जॉई बरुआ ने किया है। ख़बरों और रिव्यु के मुताबिक यह इस साल का बेस्ट म्यूजिक पीस हो सकता है।
कुलमिलाकर अगर आप बॉलीवुड की घिसी-पिटी रोमांटिक फिल्मों से बोर हो चुके हैं और प्यार की इमोशनल और गहरी लव स्टोरी देखना चाहते हैं तो ये फिल्म जरूर देखिये।