भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट (MP Budget) पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी।
उन्होंने बजट भाषण (MP Budget) में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है।
विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे।
Budget 2022: अर्थव्यवस्था के सात इंजन से मिलेगी आर्थिक वृद्धि को मजबूती
कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा।
वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दरों पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा।
Budget 2022: अर्थव्यवस्था के सात इंजन से मिलेगी आर्थिक वृद्धि को मजबूती
वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी।
उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है।
देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।