नई दिल्ली: कोरोना के साए में 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र को महामारी से बचाते हुए चलाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। यही कारण है कि सत्र के दौरान कोरोना से बचाव का हर तरीका अपनाने की कोशिश की जा रही है। इसी प्रयास के तहत संसद की कार्यवाही में भाग लेने आने वाले सांसदों के लिए कोरिना से बचाव का एक प्रोटोकॉल और एसओपी तैयार किया गया है।
पाक को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा, अगर चीन से मिलकर भारत के खिलाफ की साजिश
प्रोटोकॉल में संसद भवन आने के 72 घण्टे पहले सभी सांसदों को कोरोना जांच कराने की सलाह दी गई है। ऐसा नहीं करने पर सांसदों को संसद भवन में प्रवेश करने के पहले कोरोना जांच से गुज़रना होगा। प्रोटोकॉल के मुताबिक़, अगर कोई सांसद बाहर से जांच करवाए बिना संसद भवन पहुंचता है तो उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया जाएगा।
तेलंगाना में सड़क हादसा : बिजली के खंभे से टकराई कार, पांच की मौत
एंटीजन टेस्ट का परिणाम अगर नेगेटिव आता है तो सांसद को अंदर जाकर संसद की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति मिलेगी। हालांकि नेगेटिव आने के बाद भी अगर किसी सांसद में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे संसद भवन में प्रवेश की इजाज़त नहीं दी जाएगी। संसद भवन में बनाए गए विशेष जांच केंद्र पर ऐसे सांसदों का आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया जाएगा। इस टेस्ट का नतीजा 24 घण्टे के भीतर दे दिया जाएगा और तबतक सांसद को अपने घर में ही एंट्री मिलेगी।