• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

भारत में बनाना होगा एमएसएमई को और अधिक सशक्‍त

Writer D by Writer D
27/06/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, राष्ट्रीय, विचार
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

डॉ. मयंक चतुर्वेदी

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग दिवस (एमएसएमई) प्रत्येक वर्ष 27 जून को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। इसको मनाए जाने के पीछे मकसद है- सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और सभी के लिए निवोन्मेषण एवं स्थायी कार्यों को बढ़ावा देने में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम आकार के उद्यमों को बढ़ावा देना। एमएसएमई श्रमिकों के कमजोर क्षेत्र जैसे महिलाओं, युवाओं और गरीब परिवारों के लोगों के बड़े हिस्से को रोजगार देता है। ग्रामीण क्षेत्रों में एमएसएमई कभी-कभी रोजगार का एकमात्र स्रोत होता है ।

यूएनजीए के 193 सदस्‍यों ने बिना मतदान के दी इसे स्‍वीकृति

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा संकल्प ए/आरईएस/71/279 के माध्यम से लघु व्यवसाय पहुंच में सुधार की आवश्यकता को पहचानने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग दिवस की स्थापना की गई। यह संकल्प अर्जेंटीना के प्रतिनिधिमंडल द्वारा पेश किया गया था तथा 54 सदस्य राज्यों द्वारा इसे सह-प्रायोजित भी किया गया था और इसे अप्रैल 2017 में 193 सदस्यीय यूएनजीए द्वारा मतदान के बिना अपनाया गया था।

आत्‍मनिर्भर भारत बनाने में प्रधानमंत्री मोदी इसपर दे रहे सबसे अधि‍क जोर

वास्‍तव में जब आज के कारोना महामारी के विकट संकट के बीच दुनिया के सामने जीवन के विकास के लिए आवश्‍यक संसाधनों की स्‍थानीय स्‍तर पर बहुत अधिक आवश्‍यकता महसूस होती है, तब एमएसएमई का महत्‍व बहुत बढ़ जाता है। हम सभी जानते हैं कि भारत में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का सबसे अधि‍क जोर किसी बात पर है तो वह है आत्‍मनिर्भर भारत बनाने की तरफ, और यह आत्‍मनिर्भरता कहा जा सकता है कि बिना सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को स्‍थानीय स्‍तर पर सशक्‍त बनाए वगैर नहीं आ सकती है। यही कारण है कि देश में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्‍व में इस पर खासा जोर दिया जा रहा है कि विभिन्‍न योजनाओं के माध्‍यम से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग देश भर से ज्‍यादा से ज्‍यादा खड़े किए जाएं।

महामहिम कोविंद के लखनऊ आगमन पर कल बदला रहेगा यातायात, यहां रहेगी रोक

सरकार ने बनाई एमएसएमई की नई परिभाषा

बतादें कि एमएसएमई में तीन प्रकार के उद्योग इस तरह से शामिल हैं । सूक्ष्म उद्योग- इसमें अब वह उद्यम आते हैं जिनमें एक करोड़ रुपये का निवेश (मशीनरी वगैरह में) और टर्नओवर  पांच करोड़ तक हो।  यहां निवेश से मतलब यह है कि कंपनी ने मशीनरी वगैरह में कितना निवेश किया है । यह मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों क्षेत्र के उद्यमों पर लागू होता है । लघु उद्योग-उन उद्योगों को लघु उद्योग की श्रेणी में रखते है जिन उद्योगों में निवेश 10 करोड़ और टर्नओवर 50 करोड़ रुपये तक है ।  मध्यम उद्योग-मैनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के ऐसे उद्योग जिनमें 50 करोड़ का निवेश और 250 करोड़ टर्नओवर है ।

वस्‍तुत: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) आर्थिक विकास के इंजन के रूप में और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए ही जाने जाते हैं। इसलिए ही केंद्र के स्‍तर पर मोदी सरकार और राज्‍यों के स्‍तर पर विभिन्‍न सरकारें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के गठन के साथ ही इसके लक्ष्य के रूप में एमएसएमई के लिए ऐसी नीतियां बनाना निर्धारित करते हैं, जो कि उन्हें विकसित करने के साथ साथ सक्षम भी बनाए ।

एमएसएमई में सरकार करती है अपने स्‍तर पर ये काम

आज सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की मदद से एमएसएमई में सामाजिक-आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने का कार्य संपूर्ण भारत में तेजी से हो रहा है। ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देकर विभाग ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सामान्य ग्रामीण लोगों और विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। विभाग एमएसएमई को ऋण, प्रौद्योगिकी तथा स्थानीय एवं वैश्विक बाजार तक की पहुँच प्रदान करने का कार्य कर रहा है। एमएसएमई को न्यूनतम साझा सुविधा प्रदान करने के लिए विभाग क्लस्टरो का विकास भी करता  है। इसके साथ ही निरंतर स्व-रोजगार योजनाओं के माध्यम से विभाग युवाओं को प्रोत्साहित कर रहा है , ताकि वह अपने गृह शहर एवं गांव में अपने उद्यम स्थापित कर सके।

पहली बार गांव पहुंचे राष्ट्रपति जन्मभूमि पर हुए नतमस्तक, मिट्टी का किया स्पर्श

एमएसएमई का जीडीपी में है 30 फीसदी से अधिक का योगदान

भारत के संदर्भ में यदि इस सेक्‍टर को देखें तो देश की अर्थव्यवस्था, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसका योगदान 30 फीसदी से ज्यादा है । सच है कि कोविड महामारी का पूरे एमएसएमई क्षेत्र में गंभीर प्रभाव पड़ा है लेकिन इसके बाद भी यह जीडीपी के साथ-साथ रोजगार भी पैदा करते रहने में सफल रहा है। कहना होगा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में हमेशा अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, क्‍योंकि इस सेक्टर में सबसे अधिक विकेद्रीकृत रोजगार पैदा होते हैं।

पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लिए सरकार जीडीपी में इसके योगदान को बढ़ाना चाहती है 50 प्रतिशत

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिशन का एक आंकड़ा है कि करीब 12 करोड़ लोगों की आजीविका इस क्षेत्र पर सीधे निर्भर है ।  2024 तक सरकार के $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के मिशन को साकार करने के लिए, इस क्षेत्र का जीडीपी में योगदान बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक करने की जरूरत पर बल दिया है ।  यही वजह है कि सरकार का फोकस इस सेक्टर की तरफ पहले से कई गुना अधिक दिखाई देता है ।  आज एमएसएमई कारोबारियों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से कई तरह के प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं ।

एमएसएमई सेक्टर में तीन लाख करोड़ रुपये तक के लोन की गारंटी देगी सरकार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी कह चुकी हैं कि एमएसएमई सेक्टर में तीन लाख करोड़ रुपये तक के लोन की गारंटी सरकार देगी ।  इसके बाद से देखने में भी आ रहा है कि मध्‍य प्रदेश एवं उत्‍तर प्रदेश समेत कई राज्यों में प्रदेश सरकारें भी बहुत जिम्‍मेदारी के साथ एमएसएमई की मदद के लिए आगे आई हैं।

एमएसएमई क्षेत्र की चुनौतियां

इसी तरह से एमएसएमई सेक्टर से जुड़े समीर साठे कहते हैं कि एमएसएमई पंजीकरण में हाल में आई तेजी और उनके कारोबारों में डिजिटल नवीनता का निगमन इसके लचीलेपन का एक उत्साहवर्धक संकेत है और यह महामारी के बावजूद है। लेकिन हमें यह भी ध्‍यान रखना होगा कि आंकड़ों के मुताबिक जर्मनी और चीन की जीडीपी में एमएसएमई की भागीदारी क्रमशः 55 और 60 प्रतिशत है जो यह बताने के लिए काफी है कि भारत को इस क्षेत्र में अभी लंबा सफर तय करना है।

Tags: International MSME DayInternational MSME Day 2021MSMEMSME became easyMSME businessMSME industriesMSME Sectorpolicy for MSME
Previous Post

महामहिम कोविंद के लखनऊ आगमन पर कल बदला रहेगा यातायात, यहां रहेगी रोक

Next Post

टोनी के गानों को सर दर्द ना कहे तो क्या कहे… हर गाने के बोल कानो में..

Writer D

Writer D

Related Posts

Sadhvi Pragya
Main Slider

मेरी जिंदगी के 17 साल बर्बाद…’ जज का फैसला सुन रो पड़ीं प्रज्ञा ठाकुर

31/07/2025
Sadhvi Pragya
राष्ट्रीय

मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा को बड़ी राहत, NIA कोर्ट ने किया बरी

31/07/2025
Brinjal
Main Slider

अरे! बैंगन में कीड़े हैं… खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

30/07/2025
Fridge
Main Slider

फ्रिज में जम गई है गन्दगी, इन हैक्स से मिनटों में चमक जाएगा आपका रेफ्रीजिरेटर

30/07/2025
Cracked Heels
Main Slider

फटी एड़ियों पर आजमाएं ये ब्यूटी हैक्स, कोमल और सुंदर हो जाएंगे पैर

30/07/2025
Next Post

टोनी के गानों को सर दर्द ना कहे तो क्या कहे... हर गाने के बोल कानो में..

यह भी पढ़ें

Cyber Crime Stations

लोकसभा चुनाव के बाद 57 जनपदों में स्थापित होंगे साइबर क्राइम थाने

01/05/2024

जहरीला खाना खाने से मासूम सहित तीन महिलाओं की मौत, दो की हालत गंभीर

04/08/2021
Vat Savitri Vrat

वट सावित्री व्रत के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए शुभ मुहुर्त

07/06/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version