नई दिल्ली : आतंकियों पर सेना की धुंआधार कार्यवाही के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को हथियारों की समस्या हो रही है। हाल ही में सेना द्वारा एक के बाद एक एनकाउंटर में कई आतंकियों को मार गिराया गया है। जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती रऊफ असगर ने इस महीने भारत में चार भारी हथियारों से लैस आतंकियों की घुसपैठ कराई थी, लेकिन उनको भी सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया।
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कश्मीर में जैश के आतंकियों से मुफ्ती रऊफ असगर ने कहा है कि उन्हें सप्लाई करना मुश्किल हो रहा है। मुफ्ती रऊफ असगर ने जम्मू के नगरोटा में बान टोल प्लाजा पर गोलीबारी के बाद कश्मीर में जैश के गुर्गों को संदेश भेजा, जिससे सीमा पार करने के घंटों के भीतर चार पाकिस्तानी आतंकवादियों का सफाया हो गया।
इस मामले से परिचित लोगों ने कहा, ‘मुफ्ती असगर जेएम प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित वैश्विक आतंकवादी मसूद अजहर का छोटा भाई है। असगर को अपने बड़े भाई की अनुपस्थिति में आतंकवादी समूह का प्रमुख माना जा रहा है और उसने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर से चार आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद की थी।
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19 नवंबर की मुठभेड़ आतंकी समूह के लिए एक बड़ा झटका थी। असगर ने उन आतंकियों के प्रशिक्षण और घुसपैठ में भारी निवेश किया था। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के अधिकारी जिन्होंने बॉर्डर बाड़ के नीचे खोदी गई 200 मीटर की सुरंग को देखा है, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के शकरगढ़ इलाके में सुरंग खोदने में जो इंजीनियरिंग विस्तार हुआ था, वह एक आश्चर्य था। वे अच्छी तरह से हथियारों से लैस थे। एके-47 राइफलें, 3 पिस्तौल, 29 हैंड ग्रेनेड और 6 ग्रेनेड जिन्हें एक बैरल ग्रेनेड लांचर से दागा जा सकता था।