गाजीपुर। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में दोषी करार दिया था। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। मुख्तार अंसारी ने एमपी एमएलए कोर्ट की ओर से सजा सुनाए जाने को अब हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मुख्तार अंसारी के वकील ने याचिका दाखिल करने में 63 दिन की देरी को लेकर भी जवाब दाखिल किया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। मुख्तार अंसारी के वकील ने याचिका दाखिल करने में हुई देरी पर कहा कि परिवार के कई सदस्य जेल में बंद हैं। मामले की पैरवी करने वाला कोई नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के वकील की दलील स्वीकार कर ली और याचिका दाखिल करने में हुई देरी को माफ करते हुए सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की ओर से दाखिल की गई याचिका पर अब 22 मई को अगली सुनवाई होगी। गौरतलब है कि गाजीपुर के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के साथ ही अफजाल अंसारी को भी गैंगस्टर एक्ट के मामले में दोषी करार दिया था। गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार और अफजाल अंसारी को 10-10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 5-5 लाख जुर्माना भी लगाया था।
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मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की ओर से इसी फैसले को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुख्तार अंसारी की ओर से ये याचिका काफी देर से दाखिल हुई थी ऐसे में इसे लेकर भी सस्पेंस था कि कोर्ट इसे सुनवाई करेगा या नहीं। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के वकील की ओर से देरी को लेकर दी गई दलील मान ली और याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बहस की। मुख्तार की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस राजीव मिश्रा की सिंगल बेंच ने सुनवाई की। बता दें कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ कृष्णानंद राय हत्याकांड और कोयला व्यापारी नंद किशोर रुंगटा की अपहरण के बाद हत्या को लेकर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था।