Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

एम्बुलेंस मामले में बाराबंकी नहीं पहुंचा मुख्तार अंसारी, बांदा जेल से खुद ही बहस की

Mukhtar Ansari Ambulance case

Mukhtar Ansari Ambulance case

बाराबंकी एम्बुलेंस मामले में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को आज प्रशासन सीजेएम की अदालत पर उपस्थित नहीं करा सका और उसने बांदा जिला जेल से ही खुद बहस की।

प्रभारी सीजेएम कमला पति ने वीडियो कांफ्रेंसिंग हाल में जाकर मामले की वर्चुअल सुनवाई की। सुनवाई के दौरान आरोपी मुख्तार अंसारी ने बांदा जिला जेल से ही अपने इस केश की खुद बहस की।

इस दौरान मुख्तार अंसारी के तर्क को प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कमलापति ने ध्यान पूर्वक सुनने के बाद मामले में अगली तिथि 28 जून नियत कर दी।

आरोपी मुख्तार अन्सारी ने सुनवाई के दौरान कहा कि उनपर कोई आरोप एम्बुलेंस के पंजीयन मामले में नही बनते।

गौरतलब है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में एक एम्बुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी। इस एम्बुलेंस का प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया जा रहा था और पंजाब की रोपड जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी इसी एम्बुलेंस से मोहाली अदालत में पेशी पर गया था। जिसके बाद ये एम्बुलेंस चर्चा में आई थी और बाराबंकी जिले के UP41 AT 7171 नम्बर से रजिस्टर्ड एम्बुलेंस को लेकर हड़कम्प मचा गया था।

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव का इंतजार हुआ ख़त्म, तारीखों का हुआ ऐलान

बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग में जब इस एम्बुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका रिनिवल ही नहीं कराया गया था। बाद में जब इस एम्बुलेंस के कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी आईडी से पंजीकृत पाई गई।

इस मामले में डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा लिखाया गया था। बाद में छानबीन में मुख्तार अंसारी की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमें में धाराएं बढ़ाते हुए उनका नाम भी जोड़ा गया था।

Exit mobile version