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नेस्तनाबूद होता मुख्तार अंसारी का साम्राज्य, जारी है योगी सरकार की कार्रवाई

Mukhtar Ansari

Mukhtar Ansari

“रियासत और सियासत में इनसे ही बनती है ताकत” कुछ इसी अंदाज में उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का रुतबा गाजीपुर जनपद ही नहीं बल्कि आजमगढ़, मऊ, बलिया, वाराणसी, गोंडा, बहराइच, फैजाबाद, अंबेडकरनगर सहित पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों में कायम रहा है। उसने अपना आपराधित तंत्र पंजाब और देश की राजधानी दिल्ली तक फैला रखा था। अब वही मुख्तार आज अकेले पड़ता दिखाई दे रहा है। कारण साफ है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कानून का ऐसा चाबुक चलाया है कि अब इस बाहुबली के अपने करीबी लोग भी ‘भाई जान’ से जान पहचान बताने में कतराने लगे हैं।

सपा – बसपा की सरकारों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, खासकर पूर्वांचल के कुछ जनपदों में समानांतर सत्ता चलाने वाला अंसारी परिवार आज कानून के शिकंजे में है। अब जहां अंसारी परिवार के सभी सदस्यों के नाम से गैरकानूनी तरीकों से खरीदी गई संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है, वहीं उसके खास व चर्चित सिपहसालारों के नाम भी बेनामी संपत्तियों का ध्वस्तीकरण, कुर्की व कब्जा लिया जा रहा है।

योगी सरकार से पहले के समय में लोग भाईजान के साथ अपने को जोड़कर गौरवान्वित महसूस करते थे। आमजन से लेकर शासन- प्रशासन तक ऐसे लोग मुख्तार के नाम पर अपनी हनक बनाते थे, अब वही लोग अपने आपको उनका परिचित बताने में भी डरने लगे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पिछले चार वर्षों में बाहुबली मुख्तार अंसारी पर की गई कार्यवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले अंसारी परिवार के कब्जे से 76 करोड़ से अधिक की संपत्तियों को मुक्त कराया गया है। इसके साथ ही लगभग इतनी ही संपत्तियां उन लोगों के कब्जे से भी मुक्त कराई गई, जो परोक्ष या अपरोक्ष रूप से अंसारी परिवार के लिए काम करते रहे। अब ऐसे सारे लोगों पर योगी सरकार का अंकुश लग चुका है।

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जहां तक मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमों की बात है, ऐसे मुकदमे उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों से लेकर पश्चिम के कुछ जनपदों और राजधानी लखनऊ तक में हैं। इनके अतिरिक्त इस माफिया के विरुद्ध पंजाब के मोहाली और देश की राजधानी नई दिल्ली के थानों तक में मामले दर्ज हैं।

मुख्तार के विरुद्ध किसी मुकदमे में ताजा कार्रवाई मऊ जनपद में की गई है। इस जिले  के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र में मुख्तार  की करीब 24 करोड़ रुपये की सम्पत्ति जब्त की गई है। दर्जी मोहल्ला युसूफपुर थाना मुहम्मदाबाद जनपद गाजीपुर निवासी मुख्तार अंसारी ने आपराधिक क्रिया-कलापों में लिप्त रहकर अपनी माता राबिया बेगम के नाम से जनपद मऊ नगर क्षेत्र मौजा खालसा उत्तर दक्षिणटोला में, एक जमीन खरीदी थी। राबिया बेगम की मृत्यु के बाद वसीयत के अनुसार यह सम्पत्ति मुख्तार अंसारी के पुत्रों अब्बास व उमर के नाम से खतौनी में दर्ज है। उक्त भूखण्ड पर एक करोड़ रुपये के दो निर्मित भवन व 50 लाख का निर्माणाधीन भवन है। सम्पूर्ण अचल सम्पत्ति फोर लेन रोड के किनारे है।  अभी सात जून सोमवार को मऊ के जिला मजिस्ट्रेट ने इस सम्पत्ति को धारा 14(1) गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत सरकारी जब्ती के  आदेश दिए । उसी के अनुपालन में सदर तहसीलदार और पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर व भारी पुलिस बल की उपस्थिति में नौ जून बुधवार को जमीन जब्त की गयी है।

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ज्ञातव्य है कि अब तक मुख्तार अंसारी (आई0एस0 191 गैंग) एवं गैंग के सदस्यों- सहयोगियों के विरुद्ध कुल 47 करोड़ 39 लाख 66 हजार 300 रुपये की चल-अचल सम्पत्तियों का जब्तीकरण हुआ है। इसी तरह 28 करोड़ 82 लाख 01 हजार रुपये की चल-अचल सम्पत्तियों का ध्वस्तीकरण भी किया जा चुका है। कुल ध्वस्तीकरण और जब्तीकरण की सम्पत्ति  76 करोड़ 21 लाख 67 हजार 300 रुपये की आंकी गई है।

जहां तक मुख्तार अंसारी के आपराधिक रिकॉर्ड की बात है, उसके विरुद्ध पूर्वी उत्तर प्रदेश में मऊ जिल के कोतवाली और , दक्षिण टोला थाना, आजमगढ़ के तरवा, गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद, कोतवाली,सैदपुर,भवरकोल, और करण्डा थाना, वाराणसी के कैंट, बड़ागांव, चेतगंज, भेलूपुर,थानों के अतिरिक्त मुगलसराय, सोनभद्र और चन्दौली जिलों में मुकदमे दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश में ही आगरा के जगदीशपुर और बाराबंकी के कोतवाली थाने के साथ प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज और कैंट थानों में भी इस बाहुबली के विरुद्ध कई मुकदमें हैं। और तो और, बाहुबली विधायक की आपराधिक दुनिया का अंदाज देश की राजधानी नई दिल्ली के केजी मार्ग, तिलकमार्ग और लोदी कॉलोनी में दर्ज मुकदमों के साथ पंजाब में मोहाली के माठौर थाने में दर्ज मामले के साथ लगा सकते हैं। जो भी हो, मुख्तार के आपराधिक रिकॉर्ड विभिन्न प्रदेशों की पुलिस के सामने हैं। उत्तर प्रदेश में तो जहां का वह रहने वाला है, सरकार और उसकी पुलिस ने बहुत सख्त रुख अख्तियार किया है। इस सख्ती का असर दिखने भी लगा है और लगता है कि इस माफिया का तंत्र टूटने लगा है।

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