कानपुर : शहर में जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों की जांच की में एक खुलासा हुआ है। कई आरोपी लड़के नाबालिग लड़कियों को अपना शिकार बनाते थे। पुलिस ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है इसलिए आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट व दुष्कर्म की धारा भी लगाई है। आरोपी नाबालिग किशोरियों को अपने जाल में फंसाते थे। आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि अधिकतर केसों में पीड़िता नाबालिग हैं। किसी तरह का लोभ व लालच देकर शादी करते थे। उसके बाद जबरन धर्म परिवर्तन कराते थे। जब किशोरियों ने विरोध किया तो उनको मारा पीटा और प्रताड़ित किया। यही नहीं आरोपी पीड़िताओं का माइंडवॉश भी करते थे। दूसरे धर्मों के बारे में भड़काते थे। एसआईटी जांच में सामने आए 11 में से आठ मामलों में पीड़िता किशोरी हैं।
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आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में ये सब कबूला है। वहीं पीड़िताओं ने कोर्ट में बयान भी दिए हैं।
फतेहखान बना आर्यन, मुख्तार ने अपना नाम राहुल बताया आईजी के मुताबिक नौबस्ता के एक मामले में फतेहखान ने अपना नाम आर्यन मल्होत्रा बताया। ओवैश ने अपना नाम बाबू व नौबस्ता के ही मुख्तार अहमद ने खुद का नाम राहुल बताया था। लड़कियां इनके झांसे में आ गईं। पीड़िता ने बताया कि बाबू ने शादी के बाद उसे अपने धर्म के बारे में बताया। उससे तीन शब्द बोलने को कहा। उसका कहना था कि जब तुम ये तीन शब्द कहोगी तो मुस्लिम बन जाओगी। जबरन कहलाने का प्रयास भी किया।