Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

एंबुलेंस मामले में बाराबंकी में होगी मुख्तार की पेशी, बी वारंट जारी

Mukhtar Ansari Ambulance case

Mukhtar Ansari Ambulance case

जेल में बंद माफिया और बसपा विधायक मुख्तार अंसारी द्वारा इस्तेमाल की जा रही एंबुलेंस मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। कोर्ट ने एम्बुलेंस के फर्जी कागजात से रजिस्ट्रेशन कराने के मामले में 14 जून को कोर्ट में तलब किया है।

इसके लिए प्रभारी मुख्य न्यायिक दंड़ाधिकारी नंदकुमार ने बी वारंट जारी किया है। कोर्ट में पुलिस ने बताया है कि एम्बुलेंस मामले में फर्जी पते से पंजीकरण में मुख्तार अंसारी की संलिप्तता सही है।

पुलिस के मुताबिक मुख्तार अंसारी ने पुलिस को अपने दिए गए 161 के बयान में ये स्वीकार किया है कि उसकी साजिश से ही बाराबंकी में एम्बुलेंस की खरीद व पंजीकरण कराया गया था। जिसका नंबर UP 41 AT 7171 हैं. इससे पहले कोर्ट से आदेश मिलने के बाद बाराबंकी एसपी यमुना प्रसाद द्वारा गाठित एसआईटी ने 25 मई को बांदा जेल पहुंच कर दो दिन पूछताछ की थी। मुख्तार इस समय बांदा की ही जेल में बंद है। बता दें कि पूर्वांचल के माफिया व विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल से 31 मार्च को मोहाली कोर्ट तक पेशी पर लाने व ले जाने में यूपी 41 नंबर की एम्बुलेंस का प्रयोग किया गया था।

CM योगी के आगे हारा कोरोना, 24 घंटे में मिले मात्र 1175 नए केस

पता चला कि मुख्तार 2013 से ही इस एंबुलेंस का इस्तेमाल कर रहा है। अलका राय के अस्पताल के नाम से 2013 में ही इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ। गाड़ी का पैसा भी मुख्तार ने दिया था। बाद में कागज को ट्रांसफर कराने की बात थी, लेकिन ट्रांसफर नहीं हुआ। इस मामले में गठित एसआईटी ने मऊ जिले के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डॉ. अलका राय, निदेशक शेषनाथ राय समेत सहयोगी रहे राजनाथ यादव को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

इससे पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने मुख्तार अंसारी की लग्‍जरी बुलेटप्रूफ एम्बुलेंस को लेकर बड़ा खुलासा किया था। बृजलाल ने कहा कि यह मामूली एम्बुलेंस नहीं, बल्कि मुख़्तार का चलता फिरता क़िला है। इस गाड़ी में सेटेलाइट फोन के अलावा हथियार, असलहे और गुर्गे भी रहते हैं। मुख्तार इनका इस्तेमाल करता है।

Exit mobile version