लखनऊ। लोकप्रिय राजनीति के भीष्म पितामाह मुलायम सिंह यादव के (Mulayam Singh) निधन से पूरा देश और राजनीति क्षेत्र के लोगों को असहनीय दुख हो रहा है, क्यों कि वो अपने पार्टी के हर कार्यकर्ता से स्नेह रखते थे।
वो विपक्ष के साथ मर्यादाओं की गरिमा रख कर देशहित राष्ट्र हित में मुद्दे उठाते थे।
सदन में रखते थे।
देश के हर नागरिक के “धरतीपुत्र” स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव जो (Mulayam Singh) , ऐसे कर्मठी संघर्ष शील महान नेता थे।
हम ऑल इन्डिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड और पूरा देश ऐसे लोकप्रिय नेता को अश्रुपूरित श्रृद्धांजलि अर्पित करते हैं।
वो संघर्ष शील महिलाओं को सम्मान देते थे।
उनकी दूर्दशता बहुत पैनी थी।
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वो मुझे “बाजी” कह कर संबोधित करते थे,मेरा नाम कभी नहीं लेते थे। जब कि मै उन की शिष्या समान थी। मै उनकी पार्टी की सदस्य भी नहीं थी । फिर भी समाज सेवा मे मेरे संघर्ष छोटी बहन जैसी थी।
जो लोग राजनीतिक पार्टी से वर्षों से जुड़े थे, उनकी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं इमानदार वफ़ादार थे।
जो लोग उनकी पार्टी में सदस्य भी नहीं थे, मगर उनके समर्थक थे , उनके स्वर्गवास होने पर ,असहनीय शोक मे डूब गए। मुलायम सिंह यादव ज़मीनी नेता थे, तीन बार मुख्यमंत्री बने।
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दुःख है , उनका जैसे क़दावर नेता से देश मेहरूम हो गया राजनीतिज्ञ क़द्दावर नेता थे। वो चाहते थे, सियासत के क्षेत्र में महिलाएं सक्रिय हों।
मतभेदों के साथ भी सभी मुलायम सिंह यादव पर अपना भरोसा देते थे। कि मैं राजनीति में अपनी योग्यता से समाज समुदाय देश की तरक्की में स भागी हों।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनके समर्थकों और परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। मुलायम सिंह यादव के बारे में कहा जाता रहा है कि वह नाम से भले मुलायम हो लेकिन राजनीति दांव पेंच में वह बड़े कठोर हैं। हम सभी देशवासियों ऐसे ज़मीनी नेता धर्मनिरपेक्ष नेता से महरूम हो गए। हम श्रृद्धांजलि अर्पित करते हैं।