गाजियाबाद। नेताजी मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh ) साल-1987 में क्रांति रथ यात्रा (Kranti Rath Yatra) लेकर गाजियाबाद आए थे। उस वक्त उन्हें सिक्कों से तौला गया था। नेताजी का वजन 66 किलो था। उनके वजन के बराबर करीब 6600 सिक्के थे।
नेताजी (Mulayam Singh ) ने कह दिया कि ये सिक्के गरीबों में बांट दिए जाएं। उस वक्त उनका स्वागत गाजियाबाद में अर्थला और घंटाघर पर हुआ था। हिन्दू वादी संगठनों ने इस यात्रा को रोकने की चेतावनी दी थी।
इसके बावजूद मुलायम सिंह यादव ने कह दिया था कि मेरी आखिरी सांस तक रथ का पहिया घूमता रहेगा। तमाम विरोध के बावजूद वे रथ यात्रा लेकर गाजियाबाद आए थे।
आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले- लोहियावाद के एक युग का अंत हुआ
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोण कृष्णनम ने कहा, नेताजी का जाना समाजवाद और लोहियावाद के एक युग का अंत है। नेताजी एकमात्र नेता थे जिन्हें सुभाष चंद्र बोस के बाद नेताजी कहकर बुलाया जाता था। वो केवल समाजवादी पार्टी के नेता नहीं थे, बल्कि पूरे देश के नेता थे। यह क्षति पूरे देश की है।
केशव प्रसाद ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के निधन पर व्यक्त किया गहरा शोक
आज उनके जाने से जो राजनीति में शून्य पैदा हुआ है, मुझे नहीं लगता अब वह भर पाएगा। क्योंकि राजनीति में अब कोई दूसरा मुलायम सिंह पैदा नहीं होगा।